डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में विद्युत विभाग में काम करने वाले संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं. 23 साल बाद ऐसा प्रदेशव्यापी हड़ताल सामने आया है, जिसकी वजह से कई गांव अंधेरे में पूरी तरह से डूब गए हैं. लोग इसकी वजह से परेशान हैं. बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से नाराज सरकार ने उन्हें बर्खास्त करने की धमकी दी है.
बिजली कम्पनियों में चेयरमैन और मैनेजमेंट डायरेक्टर के चयन और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युतकर्मियों की तीन दिन की हड़ताल बृहस्पतिवार रात 10 बजे शुरू हो गई. इससे पहले ही बुधवार से ही यूपी के कई ग्रामीण इलाकों में बिजली सप्लाई ठप पड़ गई थी.
सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए काम पर नहीं आने वाले संविदाकर्मियों को बर्खास्त करने और प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है. बिजलीकर्मियों के एक अन्य धड़े ने इस हड़ताल के मद्देनजर अपने अभियंताओं को दो घंटे अतिरिक्त काम करने को कहा है.
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100 फीसदी संविदाकर्मियों ने किया हड़ताल
हड़ताल की अपील करने वाली 'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति' के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा है कि प्रदेश के करीब एक लाख बिजलीकर्मियों ने आज रात 10 बजे से तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा, 'आनपारा, ओबरा, पारिछा और हरदुआगंज विद्युत संयंत्रों में रात्रि पाली के सभी शत प्रतिशत कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता हड़ताल पर चले गए हैं. ताप बिजली घरों में रात्रि पाली में शत प्रतिशत हड़ताल हो गई है.' प्रदेश में करीब 23 साल बाद बिजलीकर्मियों की पूर्ण हड़ताल हो रही है.
सरकार के साथ हुआ था समझौता, मुकरने पर भड़का हंगामा
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि तीन दिसम्बर 2022 को प्रदेश सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच समझौता हुआ था. सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने समझौते के बिंदुओं को लागू करने के लिये 15 दिन का समय मांगा था मगर अब तीन महीने से ज्यादा वक्त गुजर चुका है मगर समझौते पर अमल नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि सरकार ने समझौते में कहा था कि बिजली कम्पनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति के जरिए ही किया जाएगा लेकिन इस व्यवस्था को बंद करके अब इन पदों पर स्थानांतरण के आधार पर तैनाती की जा रही है. यह टकराव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है.
सरकार ने सख्त रुख दिखाने का किया ऐलान
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने देर शाम प्रेस कांफ्रेंस में हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि संविदा पर कार्यरत बिजलीकर्मी अगर हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा. हड़ताल के मद्देनजर प्रदेश भर में अलर्ट घोषित किया गया है. मंत्री ने दावा किया कि कई बिजली संगठनों ने इस हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है और बहुत से कर्मचारी काम करना चाहते हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने बिजली कर्मचारियों को काम करने से रोका तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और यदि हड़ताल के दौरान कोई 'नुकसान' पहुंचाया गया तो रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.
जनता को हुई परेशानी तो होगा एक्शन
अरविंद कुमार शर्मा ने कहा है कि हड़ताल से अगर जनता को परेशानी हुई तो सरकार हड़ताल कर रहे बिजलीकर्मियों पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगी. सरकार ने प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिये बंदोबस्त किये हैं. बिजली मंत्री ने कहा कि हड़ताल की घोषणा करने वाले संगठनों से सरकार लगातार बात कर रही है. आज भी दो घंटे तक बातचीत हुई मगर 'हठधर्मी' लोग बात सुनने को तैयार नहीं हैं.
क्यों धरने पर हैं बिजली कर्मचारी?
'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति'का कहना है कि 3 दिसम्बर 2022 को बिजलीकर्मियों और सरकार के बीच हुए समझौते में कई बिन्दुओं पर सहमति बनी थी. इनमें ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक का चयन समिति द्वारा किया जाना, तीन प्रमोशन पदों के समयबद्ध वेतनमान का आदेश किया जाना, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना और विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन और अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बन्द करना प्रमुख रूप से शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स (NCCOEEE) के आह्वान पर देश भर के करीब 27 लाख बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन किया.
NCCOEEE के राष्ट्रीय संयोजक प्रशान्त चौधरी ने कहा है कि अगर शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न किया गया तो देश के अन्य प्रांतों के 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे और ऐसे किसी भी दमनकारी कदम का देशभर में पुरजोर विरोध किया जायेगा. (इनपुट: भाषा)
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बिजलीकर्मियों की हड़ताल से यूपी में हाहाकार, अंधेरे में डूबे कई जिले, वजह क्या है?