चुनाव आयोग ने SBI द्वारा उपलब्ध कराए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. जिसके मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) को वेदांता, भारती एयरटेल, मुथुट, बजाज ऑटो, जिंदल समूह और टीवीएस मोटर जैसे बड़े कोरोपोरेट ग्रुप ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा दिया. चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है.
चुनाव आयोग ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड के नए आंकड़े सार्वजनिक किए, जिनमें इनकी विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या भी शामिल हैं. विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या से चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के साथ बॉण्ड के खरीददारों का मिलान करने में मदद मिल सकती है. वेदांता ग्रुप ने बीजेपी, कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद) और तृणमूल कांग्रेस को चंदा दिया था, जबकि भारती एयरटेल ने भाजपा, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेडट (जदयू) को चंदा दिया.
मुथुट ने बीजेपी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (महाराष्ट्र प्रदेश) को, बजाज ग्रुप ने भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) को, अपोलो टायर्स ने कांग्रेस को तथा केवेंटर्स ने भाजपा और कांग्रेस को चंदा दिया. उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल ने भाजपा और बायोकॉन प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए पैसा डोनेट किया.
QuickSupply से बीजेपी को मिला 395 करोड़ का चंदा
रिलायंस इंडस्ट्रीज से संबंधित और नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (DAKC) में रजिस्टर्ड एड्रेस वाली क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 395 करोड़ रुपये और शिवसेना को 25 करोड़ रुपये दिए. चुनावी बॉन्ड का उपयोग करने वाले राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में क्विक सप्लाई चेन तीसरे स्थान पर है. इसने 2021-22 और 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और 25 करोड़ रुपये को छोड़कर बाकी सभी बॉन्ड भाजपा को दे दिए. इसने 2022 में शिवसेना को 25 करोड़ रुपये की रकम दी.
आंकड़ों से पता चलता है कि QuickSupply ने बीजेपी और शिवसेना को छोड़कर किसी अन्य राजनीतिक दल को चंदा नहीं दिया. फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज 1,368 करोड़ रुपये और हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रा 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं. रिलायंस से संबंधित एक अन्य कंपनी हनीवेल प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने 8 अप्रैल, 2021 को 30 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और सभी भाजपा को कैश कराने के लिए दे दिए.
पिछले हफ्ते पहली बार रिलायंस कनेक्शन सामने आया था तो रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने कहा था, ‘क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड किसी भी रिलायंस इकाई की सहायक कंपनी नहीं है. हालांकि, इसने फर्म के साथ अपने जुड़ाव पर कोई टिप्पणी नहीं की थी. निजी कंपनी क्विक सप्लाई चेन 9 नवंबर, 2000 को 130.99 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ गठित की गई थी. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का राजस्व 500 करोड़ रुपये से अधिक था, लेकिन लाभ के बारे में जानकारी नहीं मिली है. (PTI इनपुट के साथ)
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