डीएनए हिंदी: एकनाथ शिंदे ने जब उद्धव ठाकरे से बगावत की थी तो उनका कहना था कि बाला साहब ठाकरे कभी भी एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करते. अब अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद यही सवाल एकनाथ शिंदे के सामने खड़ा हो गया है. खबर है कि कई विधायक एकनाथ शिंदे से सवाल पूछ रहे हैं कि अब एनसीपी के साथ कैसे गठबंधन कर सकते हैं. इसमें मौका देखते हुए उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) सक्रिय हो गई है. उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों के साथ बैठक की है और कहा है कि जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुलझाएं.
मंगलवार को एकनाथ शिंदे ने अपनी सारी बैठकें रद्द कर दीं. वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत के लिए नागपुर भी नहीं गए. कहा जाता है कि एकनाथ शिंदे अब अपने गुट को संभालने में जुटे हुए हैं. उनका गुट अब उन्हीं से सवाल पूछ रहा है. उन्होंने अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी नेताओं की एक मीटिंग भी बुलाई और उनकी बातें सुनकर उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश भी की.
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फंस गए हैं एकनाथ शिंदे
इस मीटिंग में विधायकों ने कुछ ऐसी बातें कहीं जिससे एकनाथ शिंदे असहज हो गए हैं. अब शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे को खुद उनकी ही कही बातें याद दिला रही हैं. इस पर उद्धव ठाकरे गुट भी तंज कस रहा है. उसने एक वीडियो भी जारी किया है जिसका टाइटल है 'अब आप क्या कहेंगे?' गठबंधन सरकार में अजित पवार के बढ़ते प्रभाव से शिवसेना के कई विधायक असहज हैं. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर यह असहजता और नाराजगी और भी बढ़ सकती है.
दो महीने पहले ही एकनाथ शिंदे गुट के कुछ नेताओं ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर एनसीपी गठबंधन में शामिल होती है तो वे इससे अलग हो जाएंगे. चर्चाएं हैं कि नाराज विधायकों का गुट एकनाथ शिंदे के कैंप में भी बगावत कर सकता है. इनको साधने के लिए सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार किए जाने की भी तैयारी है. वहीं, शिवसेना यूबीटी ने भी जोर लगाना शुरू कर दिया है. अब वह कोर्ट से अपील करने की तैयारी में है कि 16 विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई को तेज किया जाए.
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विधायक अयोग्य हुए तो पलट जाएगा खेल?
महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा है कि एनसीपी को साथ लाने की पहली वजह सरकार बचाने की ही है. बीजेपी को आशंका है कि अगर 16 विधायक अयोग्य हो गए तो उसकी सरकार खतरे में पड़ जाएगी. वहीं, 16 विधायक अयोग्य हुए तो शिवसेना यूबीटी बाकी के विधायकों को भी अयोग्य घोषित करवाने की कोशिश करेगी. ऐसे में कई विधायक वापस उद्धव ठाकरे के कैंप में लौटने पर भी विचार कर सकते हैं.
फिलहाल, महाराष्ट्र सरकार में कुल 29 मंत्री हैं. इसमें से 10 मंत्री शिवसेना से, 10 मंत्री बीजेपी से और 9 एनसीपी से हैं. महाराष्ट्र में मंत्रियों की संख्या अधिकतम 43 हो सकती है. ऐसे में अब बाकी के 14 पदों पर शिवसेना के उन विधायकों को साधने की कोशिश की जा सकती है जो नाराज बताए जा रहे हैं और जिनके बगावत करने की आशंका है.
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अब एकनाथ शिंदे की शिवसेना में भी होगी बगावत? विधायक उठा रहे गंभीर सवाल, ठाकरे गुट भी हुआ सक्रिय