रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध(Russia Ukraine War) से पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है. वैश्विक अर्थव्यवस्था और महंगाई पर इस युद्ध का असर पड़ रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच बातचीत की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि कभी न कभी तो रूस और यूक्रेन को एक साथ आना ही पड़ेगा. बातचीत से ही समाधान निकल सकता है. विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि अगर दोनों पक्षों की सहमति बनती है, तो भारत मदद के लिए तैयार है. हम आवश्यक सलाह देने के लिए तैयार हैं, लेकिन बातचीत का फैसला इन दो पक्षों को ही करना होगा.
एस. जयशंकर ने बातचीत की जरूरत पर दिया बल
जर्मन विदेश मंत्रालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडिया ने रूस-यूक्रेन संकट पर सवाल पूछा था. इसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि पड़ोसी देशों के बीच भी मतभेद होते हैं और यह सामान्य बात है. एक बात याद रखी जानी चाहिए कि जंग से मतभेदों के समाधान नहीं हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी, तो भारत उपयोगी सलाह देने के लिए तैयार है.
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एक दिन पहले उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की बैठक में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ भी चर्चा की है.
PM Modi ने भी की थी बातचीत की वकालत
बता दें कि कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कीव की यात्रा की थी. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है. युद्ध से समाधान नहीं निकल सकता है, संवाद के जरिए ही समाधान निकलेंगे. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी उसी लाइन को दोहराते हुए कहा कि मतभेदों का समाधान चर्चा और संवाद के जरिए ही होगा. उन्होंने क्वाड शिखर सम्मेलन को बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि यह एक सफल प्रयोग है. वैश्विक साझेदारी और विश्वास कायम करने के लिए क्वाड जैसे प्रयोग होने चाहिए.
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Russia Ukraine War पर बोले विदेश मंत्री एस. जयशंकर, 'भारत मदद के लिए तैयार'