DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आखिरी कार्य दिवस पर एक संवेदनशील मामले में हस्तक्षेप किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार एक जरूरी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह मामला एक ऐसे बेटे से जुड़ा था जो पिछले 13 वर्षों से कोमा (वेजिटेटिव स्टेट) में था. माता-पिता ने आर्थिक कारणों से बेटे की इच्छामृत्यु की याचिका दायर की थी. कोर्ट ने यूपी सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने और हरीश राणा के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है. 

क्या है हरीश राणा का मामला 
30 वर्षीय हरीश राणा एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मोहाली में पढ़ाई के दौरान चौथी मंजिल से गिरने के कारण सिर में गंभीर चोट लगी, जिससे वह कोमा में चले गए. हरीश के माता-पिता, आशोक राणा और निर्मला देवी, पिछले कई साल से अपने बेटे की देखभाल के लिए वित्तीय रूप से मदद मांग रहा थे. इस कारण उन्होंने इच्छामृत्यु के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने पैसिव यूथेनेशिया (Passive Euthanasia) की अनुमति मांगी थी. इस प्रक्रिया में जीवन समर्थन उपायों को हटाकर व्यक्ति को प्राकृतिक मृत्यु की दिशा में बढ़ने दिया जाता है.

CJI का अंतिम कदम
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आखिरी दिन मामले में हस्तक्षेप किया और यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वे हरीश राणा की देखभाल की चिकित्सा खर्चों को पूरा करने के लिए कदम उठाएं. यूपी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि राणा के घर पर इलाज की सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. इसमें एक फिजियोथेरेपिस्ट, आहार विशेषज्ञ, ऑन-कॉल मेडिकल अधिकारी और नर्सिंग सहायता शामिल होंगे, साथ ही राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक दवाइयां और चिकित्सा सामग्री फ्री दी जांए. 


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मामला वापस लिया गया
हरीश के माता-पिता ने सरकार द्वारा दी गई देखभाल योजना के लिए मान गए हैं और अपनी इच्छामृत्यु की याचिका वापस ले ली. इस फैसले के बाद परिवार को राहत मिली, और वे अब अपने बेटे की देखभाल में राज्य सरकार की मदद से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने पैसिव यूथेनेशिया के संबंध में यह कहा था कि किसी को भी, यहां तक कि डॉक्टरों को भी, किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनने की अनुमति नहीं है, भले ही इसका उद्देश्य उसे दर्द और पीड़ा से राहत देना हो. 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया था कि व्यक्तियों को जीवन-रक्षक उपचार से इनकार करने का अधिकार है, बशर्ते रोगी या उनके परिवार जीवन समर्थन उपायों को हटाने का निर्णय लें.

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DY Chandrachud gave relief parents seeking euthanasia for son gave strict instructions UP government
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DY Chandrachud ने बेटे के लिए इच्छामृत्यु की मांग करने वाले माता-पिता को दी राहत
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Justice DY Chandrachud ने बेटे के लिए इच्छामृत्यु की मांग करने वाले माता-पिता को दी राहत, यूपी सरकार को दिए सख्त निर्देश

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भारत के CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आखिरी दिन एक संवेदनशील मामले में हस्तक्षेप किया. उन्होंने यूपी की सरकार को शख्त निर्देश दिए कि एक ऐसा बेटा जो 13 वर्षों से कोमा में है. वहीं माता-पिता ने बेटे के लिए इच्छामृत्यु की याचिका दायर की थी. इस मामले में यूपी की सरकार  को हस्तक्षेप करने को कहा है.