सियालदह ट्रायल कोर्ट ने सोमवार को संजय रॉय को RG Kar मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी पाया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई में रॉय की संदिग्ध गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें उम्रभर की सजा सुनाई. कोर्ट ने यह भी माना कि रॉय सीसीटीवी फुटेज में डॉक्टर के शव के पास मौजूद था, जिससे उसकी उपस्थिति अपराध स्थल पर साबित हुई.
सीसीटीवी फुटेज और संजय रॉय का 'हां' जवाब
कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें संजय रॉय को 9 अगस्त की सुबह 4:31 बजे अस्पताल में हेलमेट पकड़े हुए देखा गया. जब रॉय से पूछा गया कि क्या वह इस फुटेज में है, तो उसने 'हां' में जवाब दिया. हालांकि, रॉय ने अपने बचाव में दावा किया कि वह अस्पताल में एक साथी सिविल वॉलनटिअर से मिलने गया था, लेकिन वह मरीज की पहचान नहीं बता सका.
पुलिस की पूछताछ और फोरेंसिक सबूत
पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान संजय रॉय ने 104 में से 56 सवालों का जवाब नहीं दिया. जब फोरेंसिक विशेषज्ञों ने डॉक्टर के शरीर पर उसकी लार पाए जाने के सबूतों को पेश किया, तो रॉय ने कहा कि उसे पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया था. हालांकि, कोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया. इसके अलावा, रॉय के चेहरे पर लगी चोटें भी उसकी कहानियों से मेल नहीं खातीं और फोरेंसिक रिपोर्ट ने इन्हें सामान्य चोटें बताया, न कि मुक्केबाजी से होने वाली चोटें.
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अंतिम निर्णय
जज दास ने सभी बचाव पक्ष के तर्कों को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह एक निराधार बचाव था और आरोपी के खिलाफ सारे सबूत मजबूत थे. कोर्ट ने संजय रॉय को उम्रभर की सजा देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि अपराधी को किसी भी तरह से बचाने का कोई रास्ता नहीं है.
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संजय रॉय ने 104 में से 56 सवालों पर साधी चुप्पी, CCTV क्लिप पर आया 'हां' का जवाब, जानें कैसे सुलझी गुत्थी