डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के नोएडा में मंगलवार को सात महीने के एक बच्चे को कुत्ते ने काट लिया और उसकी जान चली गई. बीते कुछ महीनों में नोएडा और गाजियाबाद में कुत्ते के काटने की घटनाएं (Dog Bite) काफी चर्चा में रही हैं. इन शहरों के अलावा देश के बाकी हिस्सों में कुत्तों का हमला बेहद आम है. हर साल कम से कम 20 हजार लोगों की मौत कुत्ता काटने की वजह से हो जाती है. आंकड़ों के मुताबिक, देश के सभी राज्यों को मिलाकर लगभग 77 लाख लोगों को कुत्ते काट लेते हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या सड़क पर रहने वाले कुत्तों (Street Dogs) की है.
एक निजी फर्म के सर्वे के मुताबिक, 61 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कुत्तों का हमला बेहद आम है. आंकड़ों के मुताबिक, कम से कम 20 हजार लोग रेबीज संक्रमण से जान गंवाते हैं. आपको बता दें कि रेबीज संक्रमण कुत्तों के काटने से होता है. कुत्तों की काटने की घटनाओं की वजह से नोएडा-गाजियाबाद की कई सोसायटी में कुत्ता पालने पर ही प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा, नगर निकायों की ओर से भी तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.
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देश में मौजूद हैं 1.5 करोड़ स्ट्रीट डॉग
देश की लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने जवाब दिया था. उनकी ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में की गई गणना के अनुसार, देश में सड़क पर रहने वाले कुत्तों की संख्या 1.5 करोड़ थी. वहीं, 2012 में यही संख्या 1.71 करोड़ थी जो कि समय के साथ कम ही हुई है.
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कुत्ते काटने की घटनाओं के आंकड़े देखें तो साल 2019 में 72,77,523 लोगों को कुत्तों ने काटा. 2020 में 46,33,493 लोगों को, 2021 में 17,01,133 और 2022 में अभी तक कुल 14,50,666 लोगों को कुत्तों ने काट लिया. कुत्ता काटने की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है और कहा है कि इसका समाधान निकालने की सख्त ज़रूरत है.
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हर साल 77 लाख लोगों को काट लेते हैं कुत्ते, 20 हजार से ज्यादा गंवाते हैं जान