डीएनए हिंदी: हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली एक महिला पिछले 7 वर्ष से बेटे से बिछड़ने का दर्द झेल रही थी. अपने बेटे के इंतजार में रो रो कर इस मां की आंखें पथरा गई थीं. इसने तो उम्मीद भी छोड़ दी थी कि शायद उसका बेटा अब कभी लौट कर नहीं आएगा. कुदरत ने करिश्मा किया और मां को उसके बेटे से मिला दिया. हरियाणा के मानव तस्करी विाग में कार्यरत एएसआई राजेश सिंह फरिश्ता बनकर आए और लक्ष्मण को उसकी मां से मिला दिया है. यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा जैसी जरूर है लेकिन हकीकत में ऐसा हुआ है. डीएनए टीवी शो में इस मां-बेटे के मिलन की कहानी दिखाई गई. आप भी जानें दिल छू लेने वाली यह भावुक कहानी.
7 साल से मां कर रही थी लक्ष्मण का इंतजार
एक मां से उसके बेटे के बिछड़ने की ये दर्द भरी कहानी 7 वर्ष पहले शुरू हुई थी. हरियाणा के रेवाड़ी के एक गांव का रहने वाला लक्ष्मण पास के रेलवे स्टेशन पर खेलते-खेलते किसी ट्रेन में चढ़ गया. ट्रेन से वह गाजियाबाद पहुंच गया था. उस समय लक्ष्मण को यह भी याद नहीं था कि उसका घर कहां है. लावारिस इधर-उधर भटक रहा था. उसकी उम्र भी तब महज 6 या 7 वर्ष की थी. उसे अपने घर का भी पता नहीं था और न ही वह किसी और तरीके से अपने बारे में कुछ भी बता सकता था.
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7 सालों से अनाथ आश्रम में रह रहा था लक्ष्मण
बच्चे को लावारिस पाकर गाजियाबाद पुलिस ने उसे बाल अनाथालय घरौंडा के संरक्षण में पहुंचा दिया. 10 वर्ष की उम्र तक लक्ष्मण यहीं रहा. इसके बाद उसे दूसरे अनाथाश्रम सलाम बालक में पहुंचाया गया जहां 10 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को रखा जाता है. लक्ष्मण के परिवार ने उसे ढूंढने की काफी कोशिश की लेकिन वह कहीं नहीं मिला. परिवार ने हर जगह ढूंढा और एक तरह से उम्मीद भी छोड़ दी थी. उन्होंने बेटे लक्ष्मण की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी.
हरियाणा पुलिस के एएसआई ने मिलाया परिवार से बेटे को
पुलिस विभाग ने लापता लक्ष्मण को ढूंढने का काम हरियाणा पुलिस के ह्यूमन ट्रैफिकिंग विभाग में तैनात एएसआई राजेश सिंह को सौंपा. राजेश सिंह ने डिटेल के आधार पर बच्चे की तलाश शुरू की. बच्चे के विवरण में दर्ज पहचान के आधार पर, मिलते-जुलते मामलों को खंगाला गया. इस बीच 3 महीने गुजर गए लेकिन राजेश सिंह ने तलाश जारी रखी. आखिरकार कड़ी मेहनत रंग लाई और राजेश सिंह ने लक्ष्मण को ढूंढ निकाला. लक्ष्मण के परिजन उसके मिलने की आस छोड़ चुके थे लेकिन जब लक्ष्मण को उन्हें सौंपा गया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बेटे के मिलने के बाद मां के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे और ये सब राजेश सिंह की मेहनत की बदौलत ही संभव हो पाया है. हरियाणा पुलिस के राजेश सिंह अब तक 750 से ज्यादा बच्चों को उनके परिवारों से मिलवा चुके हैं और इस नेक काम के लिए हर मां उन्हें दुआएं दे रही है.
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DNA Show: 7 साल से मां कर रही थी बेटे का इंतजार, देवदूत बन एएसआई ने मिलाया