डीएनए हिंदी: भारतीय लोग त्योहारों को डिजिटल माध्यम से शुभकामनाओं को खूब लेन-देन करते हैं. दिवाली (Diwali Wishes) आ गई है और इसके साथ उपहारों, शुभकामनाओं और संदेशों का मौसम भी दस्तक दे चुका है. इस त्योहारी सीजन का धोखेबाज साइबर अपराधी (Cyber Fraud) भी उठाने की कोशिश करते रहते हैं. वे लोगों को नकली दिवाली ऑफर और मैसेज के जरिए ठगने का एक नया तरीका लेकर आए हैं जो कि आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.
दिवाली के ठीक पहले साइबर अपराधियों की बढ़ी सक्रियता के चलते भारत सरकार (Indian Government) की साइबर सुरक्षा (Cyber Security) टीम द्वारा जारी एक एडवाइजरी जारी की गई है. इसके अनुसार दिवाली की शुभकामनाओं के कुछ वायरल संदेश यूजर्स के व्यक्तिगत और बैंकिंग विवरण चुराने के लिए टारगेट किए जा रहे हैं.
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चीन से संचालित होती है वेबसाइट्स
इस मामले में इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि इन दिवाली संदेशों को कुछ चीनी वेबसाइटों के साथ लिंक हैं क्योंकि वायरल संदेशों के लिंक .cn डोमेन एक्सटेंशन का उपयोग करते हैं, जबकि अन्य .xyz और .top जैसे एक्सटेंशन का उपयोग करते हैं जो कि चीन से संचालित होते हैं.
पिछले कुछ दिनों में यूजर्स को कुछ ऐसे वायरल संदेश प्राप्त हुए हैं जिनमें लिंक हैं जो उपयोगकर्ताओं से जानकारी चुरा सकते हैं. ऐसे ही संदेशों में से एक को लोकप्रिय भारतीय ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क की तरह दिखने के लिए भी डिज़ाइन किया गया था और इन लिंक्स पर क्लिक करने पर आपकी निजी जानकारी चोरी हो सकती है.
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क्या है सरकारी की एडवाइजरी
सरकार की टीम ने एक एडवाइजरी में समझाया है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि) पर नकली संदेश प्रचलन में हैं जो उपयोगकर्ताओं को उपहार लिंक और पुरस्कारों में लुभाने वाले उत्सव की पेशकश का झूठा दावा करते हैं. इसलिए इनसे बचा जाना चाहिए और ऐसे लिंक्स पर क्लिक करने से पहले इनके डोमेन की जानकारी अवश्य कर लेनी चाहिए.
कैसे होती है धोखाधड़ी?
सबसे पहले एक दीवाली विश का मैसेज आता है. लिंक पर क्लिक करने के बाद यूजर्स को एक नकली वेबसाइट के साथ बधाई दी जाती है जो एक लोकप्रिय ब्रांड की नकल होती है फिर यूजर्स को कुछ व्यक्तिगत विवरण भरने और एक विशेष उपहार प्राप्त करने के लिए अपने संपर्कों, संदेशों, कॉल रिकॉर्ड तक पहुंच प्रदान करने का लालच दिया जाता है जिससे आपकी सारी जानकारी दुश्मन देशों तक पहुंच जाती है.
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इन स्कैम से कैसे बचें
इस तरह की धोखाधड़ी से सुरक्षित रहने के लिए एक मूल आवश्यकता यह है कि आपको कभी भी अपना बैंकिंग विवरण किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए, विशेष रूप से ऑनलाइन बिना किसी असत्यापित स्रोत से लिंक प्राप्त किए जाने पर आपको ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. किसी भी वेबसाइट को खोलने से पहले आपको URL ध्यान से पढ़ना चाहिए और संदिग्ध एक्सटेंशन पर भी नजर रखनी चाहिए. यदि उसमें कुछ भी गड़बड़ लगती है तो बेहतर होगा कि आप ऐसे मैसेज को डिलीट ही कर दें.
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