Dhakta Shaikh Salla Dargah Row: पुणे के धाकटा शेख सल्लाह दरगाह के ट्रस्टियों ने अवैध निर्माण को खुद ही गिराने का ऐलान किया है. महाराष्ट्र में अगर प्रशासन इसे गिराता तो बड़ा बवाल मच सकता था.
दरगाह के ट्रस्टियों ने खुद ही ऐलान किया कि वे दरगाह की मूल संरचना को छोड़कर अनधिकृत निर्माण को खुद ही तोड़ देंगे. अगर ऐसा नहीं होता तो प्रशासन के लिए कानून-व्यवस्था को बनाए रख पाना मुश्किल था.
दरगाह के ट्रस्टियों ने शनिवार को एक बयान जारी कर घोषणा की कि ट्रस्ट ने मूल संरचना को प्रभावित किए बिना अतिरिक्त निर्माण को तोड़ने की हामी भरी है.
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हटाया जाएगा दरगाह पर बना अवैध निर्माण
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दरगाह ट्रस्ट ने कहा, 'पुणे नगर निगम और पुलिस के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद, हम नक्शे के अनुसार धाकटा शेख सल्लाह दरगाह में नई मस्जिद के अतिरिक्त निर्माण को हटाने पर सहमत हुए हैं.'
कितनी पुरानी है ये दरगाह
यह दरगाह 14वीं सदी में का बना है. इसे थोरला शेख सल्ला दरगाह भक्त शेख सल्ला दरगाह के नाम से भी लोग जानते हैं. यह सदियों से पुणे के लोकप्रिय इबादतगाहों में से एक रहा है.
क्या नगर निगम ने दिया था आदेश?
22 फरवरी को, PMC ने कथित अतिक्रमण के बारे में दरगाह ट्रस्ट को नोटिस दिया और ट्रस्टियों से इसे हटाने के लिए कहा. प्रशासन ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके खिलाफ एक्शन होगा.
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पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 8 मार्च को पुलिस से अपील की थी कि मौके पर बड़ी संख्या में तैनात हो. पुलिस ने हालांकि इनकार कर दिया है कि यह बंदोबस्त अतिक्रमण हटाने के लिए था.
कैसे टला बड़ा धार्मिक बवाल?
शुक्रवार की देर रात, पुणे में शिवरात्रि मनाई जा रही थी. अतिक्रमण के खिलाफ कुछ भीड़ इकट्ठा हो रही थी. दहगाह परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात हुई. पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि हमारी ऐसी कोई योजना नहीं थी.
पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, 'अफवाहें जानबूझकर फैलाई गई थीं कि कथित अतिक्रमण के खिलाफ कुछ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ऐसे किसी कदम की योजना नहीं बनाई गई थी. हमने लोगों को सूचित किया और वे तितर-बितर हो गए. अब स्थिति भी नियंत्रण में है.'
टल गया बड़ा हंगामा
जैसे ही भीड़ दरगाह के आसपास जमा हुई, कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने भी मौके पर पहुंचने की योजना बनाई, हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप से कोई हंगामा होने से पहले टल गया.
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पुणे नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा, 'यह अच्छा है कि ट्रस्टियों ने सकारात्मक कदम उठाया और बयान जारी किया. चुनाव नजदीक हैं, इसकी वजह से बड़ा हंगामा हो सकता था.'
शनिवार को पुलिस और पीएमसी स्टाफ के साथ एक बैठक बुलाई गई जिसमें दरगाह ट्रस्टी भी शामिल हुए.
दरगाह के ट्रस्टियों ने क्या कहा?
दरगाह के ट्रस्टी गनी तैयब अली शेख, असद शेख, रफीक सैय्यद, आरजी सैय्यद और अन्य ने अपने बयान में कहा, 'कार्रवाई के दौरान, दरगाह की मूल संरचना को नहीं छुआ जाएगा. पुराने मस्जिद में 1927 के राजपत्र के मुताबिक नहीं दखल दिया जाएगा.'
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कब पहली बार मिला था दरगाह को नोटिस?
पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 30 मार्च 2019 को पहली बार दरगाह पर निर्माण रोकने का आदेश दिया था. 4 साल बाद अब दरगाह ट्रस्ट, अवैध हिस्से को हटाने के लिए तैयार हो गया है. प्रशासन के मुताबिक नोटिस मिलने के बाद हर अवैध निर्माण ध्वस्त किया जाएगा.
ट्रस्ट ने कहा कि नागरिक प्रशासन कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) पहल के जरिए मूल संरचना के पुनर्विकास में ट्रस्ट की मदद करेगा.
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इमाम ने ही दे दी दरगाह तोड़ने की इजाजत, जानिए कैसे टला बड़ा बवाल