नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भारत में विमानन क्षेत्र (Aviation Industry) में लैंगिक समानता बनाने के लिए एक सुझाव पत्र (advisory circular) जारी किया है. इसके तहत भारत के विमानन उद्योग में 2025 तक विभिन्न पदों में महिलाओं की संख्या को बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है. DGCA का उद्देश्य है कि 2025 तक 25% महिलाओं की हिस्सेदारी होनी चाहिए.
Aviation sector महिलाओं का दबदबा
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) का उद्देश्य है कि वैश्विक Aviation Industry में सभी व्यावसायिक और रोजगार के उच्चतर स्तरों पर 2030 तक 50-50 (महिला-पुरुष) का आकांक्षात्मक लक्ष्य प्राप्त करना है. विभाग के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि “विमानन कार्यबल में महिलाओं के बेहतर प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने और उनके नेतृत्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.
महिला पायलटों के नामांकन में वृद्धि
जारी सलाह पत्र में बताया गया है कि भारत में महिला पायलटों के नामांकन में वृद्धि हुई है. दरअसल 2023 में, जारी किए गए वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (CPL) की कुल संख्या 1622 है, जिनमें से 294 सीपीएल महिलाओं को जारी किए गए. वहीं 2022 में 240 CPL महिलाओं को जारी किए गए थे.
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बता दें कि पिछले एक दशक में, विमानन (Aviation Sector) में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. अधिक महिलाएं पायलट, हवाई यातायात नियंत्रक, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग जैसी भूमिकाओं में अपना करियर बना रही हैं.
DGCA क्या है
DGCA का Directorate General of Civil Aviation है. इसे हिंदी में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय कहते है. भारत में DGCA नागरिक विमानन के क्षेत्र में नियामक संस्था है. ये संस्था मुख्य रूप से से शुरक्षा के मु्द्दों से निपटती है. इसकी स्थापना 1946 में हुई थी. पायलेट बनने के लिए छात्रों को जो परीक्षा देनी होती है. उसे DGCA ही आयोजित करती है.
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Aviation Industry में बढ़ेगा महिलाओं का दबदबा, 2025 तक होगी 25% हिस्सेदारी