डीएनए हिंदी: देवरिया हत्याकांड के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल अब भी बरकरार है. उत्तर प्रदेश में यह दो बड़ी जातियों के बीच संघर्ष के तौर पर भी देखा जा रहा है और इस वजह से सियासत भी खूब हो रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पूरे विवाद पर सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की थी लेकिन खुले तौर पर अपनी पक्षधरता दिखाने से अब तक बच रहे हैं. अब खबर है कि 2 अक्टूबर को हुए हत्याकांड के 14 दिन बाद पूर्व सीएम पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि 16 अक्टूबर को एसपी सुप्रीमो देवरिया पहुंचेंगे और यहां दोनों यादव और दुबे परिवार के सदस्यों से मुलाकात करेंगे. उन्होंने बुलडोजर एक्शन की खबरों पर भी ट्वीट कर कहा था कि कोई भी ऐसा कदम न उठाया जाए जिससे तनाव बढ़ने की आशंका हो.
बता दें कि देवरिया कांड में 2 अक्टूबर को जमीन विवाद में बर्बर हत्याकांड की घटना हुई थी. खबर है कि सत्येंद्र दुबे के घर पर प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई थी. इसके बाद गुस्साए परिवार और सहयोगियों ने दुबे के घर पर पथराव और फायरिंग की. इस हमले में दुबे के परिवार के कुल 6 सदस्यों की मौत हो गई थी. इस हत्याकांड की चर्चा पूरे प्रदेश और देश भर में हो रही है. सख्त प्रशासन की वजह से चर्चा में रहने वाले सीएम योदी आदित्यनाथ पर भी कार्रवाई का दबाव है.
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सामूहिक मर्डर केस में अब तक 21 की गिरफ्तारी
देवरिया मर्डर केस में अब तक 21 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिसमें मृतक प्रेमचंद यादव के परिवार के सदस्यों और करीबियों के अलावा ड्राइवर भी शामिल है. ड्राइवर नवनीत मिश्रा उर्फ पट्टू ने पुलिस जांच में कबूल किया है कि लाठी और पत्थरों से हुए हमले के बाद भी मृतक सत्येंद्र दुबे सलोनी और उनके बेटे की सांसें चल रही थीं. इसके बाद उसने रिवॉल्वर से उन्हें गोली मारी जिससे घटना स्थल पर ही तीनों की मौत हो गई. अब तक 5 आरोपियों को अतिक्रमण का नोटिस भी जारी किया गया है.
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कॉल डिटेल से मिले कई अहम सुराग
पुलिस फिलहाल मृतक प्रेमचंद यादव के कॉल डिटेल्स भी खंगाल रही है. अब तक उनका फोन बरामद नहीं किया जा सका है. सूत्रों के मुताबिक, यादव के परिवार ने कॉल पर सत्येंद्र दुबे का फोन आने पर उसके घर जाने का दावा किया था. हालांकि, पुलिस का कहना है कि कॉल रिकॉर्ड्स में कोई कॉल नहीं आई है. अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या वाले दिन आखिरकार सुबह ही सुबह सत्येंद्र दुबे के घर प्रेमचंद यादव क्यों पहुंचे थे. दोनों परिवारों के बीच जमीन विवाद लंबे समय से चल रहा था.
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अखिलेश यादव को मिल ही गई फुर्सत, 16 को देवरिया में दोनों परिवारों से मिलेंगे