डीएनए हिंदी: साल 2020 में पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इस मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 9 लोगों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ये सभी लोग एक ऐसी भीड़ का हिस्सा थे जिसका उद्देश्य जानबूझकर हिंदुओं की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना था. यह मामला पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी में तोड़फोड़, आगजनी और दंगों से जुड़ा हुआ है. आपको बता दें कि दिल्ली दंगों से जुड़े दर्जनों मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं. यह भी उनमें से एक मामला ही है.
सुनवाई पूरी करने के बाद मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा, 'इस केस के आरोपी अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे. इस भीड़ का मकसद हिंदुओं की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना था.' कोर्ट ने इस केस में मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज और मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया है.
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फरवरी 2020 में हुए थे दंगे
आरोपी राशिद के खिलाफ दंगा, चोरी, आगजनी और अवैध जमावड़े जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. आपको बता दें कि फरवरी 2020 में हुए दंगे पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में फैल गए थे. इस केस में शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाए थे कि गली में घुसी भीड़ ने लोगों के घरों के गेट तोड़ने और आगजनी की कोशिश की.
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कुछ घरों में लूट करने के बाद आग लगा दी गई और जमकर तोड़फोड़ की गई. इन आरोपों के बाद दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, मोबाइल वीडियो से चेहरों की पहचान की और मोबाइल सर्विलांस के आधार पर लोगों की मौजूदगी की पुष्ट की गई. बाद में सभी आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
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दिल्ली दंगा: दोषी करार दिए गए 9 आरोपी, कोर्ट ने कहा- जानबूझकर हिंदुओं की संपत्ति को बनाया निशाना