डीएनए हिंदी: मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर 20 जुलाई से शुरू हुए संसद का मानसून सत्र अब तक हंगामे के भेंट चढ़ गया. सदन की कार्यवाही दो दिन की छुट्टी के बाद फिर सोमवार से शुरू हो रही है. इस बीच मोदी सरकार दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश बिल को आज लोकसभा (Lok Sabha) में पेश करेगी. मोदी कैबिनेट इस बिल पर पहले ही मुहर लगा चुकी है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) इस अध्यादेश का विरोध कर रही है. ऐसे में ससंद के दोनों सदनों हंगामे के आसार हैं.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ एकजुट विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है. विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘INDIA’ में शामिल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने अध्यादेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी अध्यादेश के विरोध में उतर आए हैं. सरकार ने लोकसभा में 13 मसौदा विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है, जबकि अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी स्वीकार किया जा चुका है.
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मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद में जारी गतिरोध और विपक्ष की इस मांग के बीच कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में बयान दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वह इस मामले पर संसद में चर्चा का जवाब देने के लिए तैयार हैं. विपक्ष ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इसके बाद इसने संसद में मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को बोलने के लिए मजबूर करने के अंतिम प्रयास के रूप में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच संक्षिप्त चर्चा के बाद लोकसभा ने पांच विधेयकों को पिछले हफ्ते पारित किया. राज्यसभा ने पिछले सप्ताह चलचित्र (संशोधन) विधेयक सहित तीन विधेयक पारित किए थे.
इन बिल को लोकसभा में मंजूरी के लिए किया गया सूचिबद्ध
लोकसभा में सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023, संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2023, संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2023, जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023, अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक 2023, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2023, अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2023 और भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2023 विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है. राज्यसभा से पारित चलचित्र (संशोधन) विधेयक 2023 को भी लोकसभा में मंजूरी के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
ये बिल लोकसभा में हो चुके पारित
इसके अलावा अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 और प्रेस और पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023 को लोकसभा में लाए जाने से पहले राज्यसभा में पेश किया जाएगा. मध्यस्थता विधेयक 2021 को भी उच्च सदन की मंजूरी का इंतजार है. राज्यसभा में जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, बहु-राज्यीय सहकारी समिति विधेयक, वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, निरसन और संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, राष्ट्रीय दंत आयोग विधेयक और खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक पर चर्चा होनी है. ये विधेयक पिछले सप्ताह लोकसभा में पारित हो चुके हैं.
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विपक्ष ऐसे समय में अपने विधायी एजेंडे पर आगे बढ़ने के सरकार के दृष्टिकोण से भी नाराज है, जब लोकसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. आरएसपी सदस्य एन के प्रेमचंद्रन ने एम एन कौल और एस एल शकधर की पुस्तिका ‘संसद की परंपरा और प्रक्रिया’ का हवाला देते हुए पिछले दिनों कहा था, ‘जब प्रस्ताव पेश करने के लिए सदन की अनुमति दे दी जाती है, तो अविश्वास प्रस्ताव का निपटारा होने तक सरकार द्वारा नीतिगत मामलों पर कोई ठोस प्रस्ताव सदन के समक्ष लाने की आवश्यकता नहीं होती है.’ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष को चुनौती दी कि अगर उन्हें लगता है कि लोकसभा में उनके पास संख्या बल है तो वह सदन के पटल पर सरकारी विधेयकों को पारित होने से रोककर दिखाए. उन्होंने कहा था, ‘वे अचानक अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं, क्या इसका मतलब यह है कि कोई सरकारी कामकाज नहीं होना चाहिए? अगर उनके पास संख्या बल है तो उन्हें सदन में विधेयकों को पारित होने से रोकना चाहिए.’ (इनपुट- भाषा)
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दिल्ली अध्यादेश बिल आज लोकसभा में होगा पेश, INDIA की अग्निपरीक्षा