डीएनए हिंदी: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार और उपराज्यपाल के बीच चल रही रस्साकशी को सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट फैसले के बाद अब नया विवाद खड़ा होता दिख रहा है. दिल्ली सरकार ने विशेष सचिव वाई वी जे राजशेखर से सारा काम वापस ले लिया था. अब राजशेखर ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति और सीएम आवास के रेनोवेशन से जुड़ी फाइलें नष्ट करवा दी हैं. राजशेखर के आरोपों पर दिल्ली सरकार ने उन्हें भ्रष्ट बताया है और कहा है कि वह दिल्ली के समीर वानखेड़े हैं.
राजशेखर के मुताबिक, मंगलवार को सुबह 3 बजे ही उनका कमरा खुला हुआ था और सीएम हाउस के रेनोवेशन से जुड़ी फाइल गायब थी. इसके बारे में उन्होंने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को भी चिट्ठी लिखी है. राजशेखर ने आशंका जताई है कि उनके कमरे में रखे सबूतों से छेड़छाड़ की गई है. उनका कहना है कि जो फाइलें गायब हुई हैं उनमें दिल्ली की आबकारी नीति की फाइल, आवास के रेनोवेशन की फाइल और मुख्यमंत्री के आवास का निरीक्षण कर चुके लोगों की तस्वीर शामिल है.
यह भी पढ़ें- शिवकुमार-सिद्धारमैया से मिले खड़गे, बुधवार को घोषित होगा कर्नाटक का सीएम, 5 पॉइंट्स में पढ़ें पूरी बात
राजशेखर पर दिल्ली सरकार के गंभीर आरोप
दिल्ली सरकार ने राजशेखर के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्हें भ्रष्ट अधिकारी बताया है. दिल्ली सरकार ने सवाल उठाए हैं कि राजशेखर जैसे भ्रष्ट अधिकारी को सतर्कता आयोग में कैसे नियुक्त किया गया इसकी जांच होनी चाहिए. AAP ने आरोप लगाए कि राजशेखर ही सीएनएटी किट घोटाले के आरोपी हैं और सीबीआई ने उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है.
यह भी पढ़ें- अशोक गहलोत के समर्थन में उतरे महेश जोशी, सचिन पायलट पर लगाया गंभीर आरोप
बता दें कि 13 मई को दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी करके राजशेखर से सभी काम वापस ले लिए. राजशेखर पर आरोप लगे थे कि पैसे लेकर काम करते हैं और वसूली का रैकेट चलाते हैं. दिल्ली सरकार का यह भी कहना है कि जब उन्हें 13 मई को ही हटा दिया गया था तो अब तक उनके पास फाइलें कैसे मौजूद थीं?
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
4 दिन पहले दिल्ली सरकार ने हटाया, अब अधिकारी का दावा, 'गायब कर दी गईं आबकारी नीति की फाइलें'