दिल्ली आबकारी नीति में अब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है. केजरीवाल से पहले आम आदमी पार्टी (APP), भारत राष्ट्र समिति (BRS) और वाईएसआर कांग्रेस के भी कई नेता गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इनके अलावा, कई शराब कंपनियों के अधिकारी, सरकारी अधिकारी और अन्य लोग भी जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं. इनमें से कुछ आरोपी ऐसे भी रहे हैं जिनके सरकारी गवाह बन जाने से जांच एजेंसियों को बल मिला है. कहा जाता है कि इन आरोपियों के सरकारी गवाह बनने के बाद ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी हाई प्रोफाइल लोगों को गिरफ्तार कर पाईं.
आरोप है कि आबकारी नीति में गड़बड़ी करके जो पैसे लिए गए उनका इस्तेमाल चुनाव, मीटिंग और होटलों पर खर्च किया गया. ईडी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने अपनी आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ कथित तौर पर दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और यह पैसा कई बिचौलियों के जरिए ट्रांसफर किया गया. इस प्रक्रिया में बीआरएस एमएलसी के. कविता और 'साउथ ग्रुप' के सदस्यों को शामिल किया गया.
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केजरीवाल ने ईडी के नौ समन की अनदेखी की थी, जिस कारण अदालत में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत उनके खिलाफ दो मामले दायर किए गए थे. ईडी ने सबूत जुटाने के बाद गिरफ्तारी की. 16 मार्च को ईडी ने के कविता को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. वह बीआरएस सुप्रीमो और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी हैं. ईडी ने कथित घोटाले में प्रमुख साजिशकर्ता और लाभार्थी के रूप में उसकी कथित संलिप्तता का खुलासा किया था.
कौन-कौन बना सरकारी गवाह?
जांच एजेंसी ने हिरासत में लेने के लिए दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि 'साउथ ग्रुप' के अन्य सदस्यों- सरथ रेड्डी, राघव मगुंटा और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के साथ कविता ने सीएम केजरीवाल और उनके डिप्टी सहित आप के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर साजिश रची थी. बाद में सरथ रेड्डी, राघव मगुंटा और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी इस मामले में सरकारी गवाह बन गए थे. ईडी ने दावा किया कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज श्रीनिवासुलु रेड्डी के 14 जुलाई, 2023 के बयान और धारा 164 के तहत दर्ज किए गए 17 जुलाई, 2023 के उनके बयान के अनुसार, कविता और अन्य ने आप के शीर्ष नेताओं को रिश्वत दी.
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अदालत के समक्ष ईडी के आवेदन में कहा गया, "AAP के नेताओं को दी गई रिश्वत के बदले में उन्हें नीति निर्माण तक पहुंच प्राप्त थी और उनके लिए एक अनुकूल स्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रावधानों की पेशकश की गई थी."
इंडो स्पिरिट्स को हुआ फायदा!
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि कविता को अपने डमी अरुण पिल्लई के जरिए पेरनोड रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के इस फर्म और वितरण व्यवसाय में पर्याप्त निवेश किए बिना इंडो स्पिरिट्स की साझेदारी में हिस्सेदारी मिली, जो देश के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है और इस तरह दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 की अवधि में इंडो स्पिरिट्स को सबसे अधिक लाभदायक एल1 बनाया और मुनाफे की आड़ में अपराध की आय कमाई.
इसके अलावा, नीति में थोक व्यापारी का लाभ मार्जिन बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया, ताकि इस मार्जिन में इसका एक हिस्सा रिश्वत के रूप में वापस लिया जा सके. ऐसा अवैध धन का निरंतर प्रवाह बनाने के लिए किया गया था. आवेदन में दावा किया गया है कि एएपी ने थोक विक्रेताओं से रिश्वत के रूप में और साउथ ग्रुप को भुगतान की गई रिश्वत की वसूली करने और इस पूरी साजिश से मुनाफा कमाने के लिए कहा गया.
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Delhi Excise Policy: कौन हैं वे आरोपी जिनके सरकारी गवाह बनते ही पलट गया खेल?