चक्रवात रेमल (Cyclone Remal) के आए चार दिन हो चुके हैं. इसका सबसे बड़ा असर पूर्वोत्तर भारत (North East India) में देखने को मिल रहा है. पिछले चार दिनों में इस चक्रवात की वजह से वहां बाढ़, तेज बारिश और भूस्खलन की कई घटनाएं हो चुकी है. इन घटनाओं से पूर्वोत्तर में कम 40 लोगों की मौत हुई है. वहीं, दो लाख से भी ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं. तेज बारिश और भूस्खलन की वजह से वहां के कई इलाके अलग-थलग पड़ गए हैं. बाढ़ की स्थित बनने से रेलवे ट्रैक डूब गए हैं. लोग यातायात नहीं कर पा रहे हैं. स्थिति को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने मंगलवार से दक्षिण असम, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम जाने वाली एक्सप्रेस रेलगाड़ियों, यात्री और मालगाड़ियों को रद्द कर दिया है. गुरुवार को असम, मेघालय और मिजोरम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-6 का एक हिस्सा भूस्खलन के बाद ढह गया.
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पूर्वोत्तर के राज्य बुरी तरह से प्रभावित
इस तूफान की वजह से असम में अचानक बाढ़ की स्थिति बन गई है. इससे 9 जिलों के हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. दरअसल असम और मेघालय में बहने वाली कोपिली नदी का जल बहाव खतरे के निशान से ऊपर हो चुका है. असम में 35 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में शरण लेकर रहने को मजबूर हैं. मणिपुर में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहां बाढ़ की वजह से तीन लोगों की मौत भी हो गई है. इसको लेकर वहां शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है. राजधानी इंफाल तक बाढ़ के चपेट में आ चुका है. वहीं, मिजोरम में मंगलवार को भूस्खलन की बड़ी घटनाएं हुई है. इसकी वजह से वहां 27 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही कई लोग लापता हैं. इन जगहों पर सरकार की तरफ से लगातार बचाव कार्य और सहायता अभियान चलाए जा रहे हैं.
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चक्रवात रेमल के बाद पूर्वोत्तर में भूस्खलन और बाढ़ की कई घटनाएं, अबतक 40 की मौत