डीएनए हिंदी: Rohini Fake Call Centre- दिल्ली में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर ने देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के दौर में शुरू हुए वर्क फ्रॉम होम कल्चर की आड़ में 1,700 लोग ठग लिए. इस कॉल सेंटर से ठगी के शिकार सभी लोगों को ऐसी नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था, जो 'वर्क फ्रॉम होम' थी. ठगों ने पूरे देश में लोगों को अपना निशाना बनाया है, लेकिन सबसे ज्यादा 543 शिकार उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं हरियाणा की फरीदाबाद पुलिस ने इस गिरोह के दो मेंबर दबोचने के बाद पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया है. दोनों के कब्जे से 14 फोन, 13 सिम कार्ड और 64,000 रुपये नकद बरामद किया गया है. पुलिस गिरोह के दूसरे मेंबर भी तलाश कर रही है.
बिहार के रहने वाले हैं दोनों मेंबर
पुलिस की गिरफ्त में आए ठग गिरोह के दोनों मेंबर बिहार के रहने वाले हैं, जिनकी पहचान प्रभात और ओम प्रकाश के तौर पर की गई है. गिरोह के अन्य मेंबर फरार हो गए हैं. फरीदाबाद पुलिस के मुताबिक, प्राथमिक जांच में प्रभात इस गिरोह का मास्टर माइंड निकला है, जो दिल्ली के रोहिणी एरिया में नकली कॉल सेंटर चला रहा था.
सोशल मीडिया पर एड देकर तलाशते थे शिकार
फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्त सूबे सिंह के मुताबिक, यह गिरोह सोशल मीडिया पर एडवरटाइजमेंट पोस्ट करता था, जिनमें हायर सेलरी और फ्लेक्सीबेल टाइमिंग वाली 'वर्क फ्रॉम होम' नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता था. नौकरी की तलाश कर रहे लोग उनसे कॉन्टेक्ट करते थे. इस पर वे उन्हें मोटी रकम वाली नौकरी दिलाने का वादा करते थे और झूठा मॉक इंटरव्यू आयोजित करते थे. साथ ही रिक्रूटमेंट प्रोसेस की अन्य स्टेज भी पूरी कराते थे. इस बीच वे सभी की आर्थिक स्थिति का जायजा लेते थे. इसके बाद अच्छी आर्थिक स्थिति वाले लोगों से इंटरव्यू, रजिस्ट्रेशन, जीएसटी, ट्रेनिंग, कोरियर चार्ज, इंश्योरेंश आदि के मिसलेनीअस चार्ज के नाम पर मोटी रकम ले ली जाती थी. इसके बाद आरोपी अपना फोन स्विच ऑफ कर देते थे.
1,784 लोगों को बना चुके निशाना
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह अब तक कई राज्यों के 1,784 लोगों को अपना निशाना बना चुका है. इनमें लूट के सबसे ज्यादा 563 शिकार उत्तर प्रदेश के हैं, जबकि राजस्थान के 212, तेलंगाना के 141, दिल्ली के 138, महाराष्ट्र व गुजरात के 101 और हरियाणा के 59 शिकार शामिल हैं. फरीदाबाद निवासी एक पीड़ित युवती ने पुलिस के पास 1.27 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. इस केस की जांच साइबर पुलिस स्टेशन इंचार्ज इंस्पेक्टर बसंत की टीम को सौंपी गई थी. इस टीम ने विभिन्न कड़ियों को जोड़ते हुए गिरोह के दो मेंबर दबोच लिए हैं. दोनों को कोर्ट में पेश किया गया है, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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वर्क फ्रॉम होम जॉब का झांसा देकर 1,700 लोगों से ठगी, सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के शिकार