डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Shahbaz Sharif) को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा था. अब पाकिस्तान की मौजूदा गठबंधन सरकार में नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के भाई शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं. उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार के दर्जनों मामले दर्ज थे. नवाज शरीफ जैसे हश्र से बचने के लिए शहबाज शरीफ के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के केस (Corruption Case) वापस ले लिए गए हैं. ऐसा करने के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) कानून में संशोधन किया गया है. इस संशोधन के बाद भ्रष्टाचार के 50 बड़े मामले वापस ले लिए गए हैं.
जियो न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री हमजा शाहबाज, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ और पूर्व प्रधान मंत्री यूसुफ रजा गिलानी के खिलाफ भी मामले वापस ले लिए गए हैं. वापस लिए गए मामलों में प्रधानमंत्री और उनके बेटे हमजा के खिलाफ रमजान चीनी मिल का मामला भी शामिल है. एनएबी ने 2019 में यह मामला दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि दो संदिग्धों ने धोखाधड़ी और बेईमानी से राष्ट्रीय खजाने को 213 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का नुकसान पहुंचाया.
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कई मंत्रियों के खिलाफ दर्ज थे मामले
इसी तरह, एक जवाबदेही अदालत ने स्पीकर के खिलाफ छह रेंटल पावर प्लांट (आरपीपी) के मामले को वापस ले लिया. ब्यूरो ने आरोप लगाया था कि अशरफ ने पीपीपी सरकार के दौरान जल और बिजली मंत्री रहते हुए किराए की बिजली परियोजनाओं में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया था. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीपीपी सीनेटर यूसुफ रजा गिलानी के खिलाफ यूनिवर्सल सर्विसेज फंड (यूएसएफ) मामला, जिसमें उन पर अवैध प्रचार अभियान में अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था, को भी वापस ले लिया गया है.
सीनेटर सलीम मांडवीवाला, पूर्व मुख्यमंत्री खैबर पख्तूनख्वा सरदार मेहताब अब्बासी और पीपीपी सीनेटर रुबीना खालिद के खिलाफ मामले भी वापस ले लिए गए हैं. एनएबी नियमों में संशोधन के बाद, मोदरबा घोटालों और कंपनी धोखाधड़ी के मामले भी जवाबदेही अदालतों से वापस ले लिए गए हैं. अगस्त में, नेशनल असेंबली ने राष्ट्रीय जवाबदेही (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया, जिसमें निजी लेनदेन को एनबीए के दायरे से बाहर करने की मांग की गई थी.
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संशोधित विधेयक के तहत, एनएबी का आर्थिक क्षेत्राधिकार केवल बड़े घोटालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तय किया गया था. विधेयक के अनुसार, जांच अधिकारी जांच या पूछताछ के दौरान किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं करेंगे और वे जांच या पूछताछ या सबूत निकालने के लिए अपने प्रश्नों को सीमित रखेंगे.
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शहबाज शरीफ के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले वापस लेने के लिए बदल दिया कानून