डीएनए हिंदी: कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आने और राहुल गांधी के पार्टी की कमान नहीं संभालने के संकेत देने के बाद अब देश की सबसे पुरानी पार्टी की सर्वोच्च कुर्सी के लिए चुनावी मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भले ही सर्वसम्मति पर जोर दे रहे हों, लेकिन शशि थरूर ने सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा से उन्हें अवगत कराया तो दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी चुनावी रण में उतरने के संकेत मिल रहे हैं. कुछ अन्य लोगों के भी चुनाव लड़ने का ऐलान करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगर चुनाव होता है तो यह 22 साल बाद इस तरह का मुकाबला होगा. वर्ष 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. इससे पहले, 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था जिसमें केसरी जीते थे.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थरूर के सोनिया गांधी से मिलने के बाद यह संभावना बढ़ गई कि वह चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे की अपनी इच्छा से अवगत कराया जिस पर सोनिया ने कहा कि इस चुनाव में कई उम्मीदवारों का खड़ा होना पार्टी के लिए बेहतर है तथा इसमें उनकी भूमिका तटस्थ रहेगी.
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सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी ने इस धारणा को भी खारिज किया कि इस चुनाव में पार्टी की ओर से कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ होगा. उधर, थरूर की सोनिया से मुलाकात की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने कहा कि कोई भी चुनाव लडऩे के लिए स्वतंत्र है और यही पार्टी नेतृत्व का सतत रुख रहा है तथा चुनाव लड़ऩे के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है.लोकसभा सदस्य थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात ऐसे समय की है जब हाल ही में उन्होंने ऐसे संकेत दिए कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं.
इस बीच कांग्रेस से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत भी उम्मीदवार हो सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो गांधी परिवार के भरोसेमंद होने और लंबे राजनीतिक तजुर्बे के चलते उनकी दावेदारी सबसे मजबूत होगी. वैसे गहलोत ने कहा है कि वह राहुल गांधी को चुनाव लड़ने के लिए मनाने का प्रयास करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टी के भीतर राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग भी तेज हो गई है.
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इसी क्रम में सोमवार को कुछ प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए. राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ के बाद आज तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और बिहार की कांग्रेस इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के लिए राहुल से की गई अपील के बावजूद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उन्होंने फैसला कर लिया है, लेकिन अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं करेंगे.
उन्होंने यह भी कहा था कि यदि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो वह इसके कारण बता देंगे. राहुल की टिप्पणी को पार्टी में इस बात के संकेत के तौर पर देखा गया है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.
इनपुट- एजेंसी
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कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: पिछली बार क्या हुआ था? क्या फिर दोहराएगा इतिहास