लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी जाएंगे. जहां वे विवेकानंद रॉक मेमोरियल में मेडिटेशन करेंगे. पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस और टीएमसी ने ऐतराज जताया है. कांग्रेस ने इस मामले में चुनाव आयोग में शिकायत की है और कहा कि यह कार्यक्रम आचार संहिता का उल्लंघन है.
चुनाव आयोग को दी शिकायत शिकायत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये वे तौर तरीके हैं जिससे या तो आप कैंपेनिंग कर रहे हैं या अपने-आप को प्रसारित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी या तो इस कार्यक्रम को 24-48 घंटे बाद प्रारंभ करें या फिर इसका प्रसारण किसी भी प्रकार की मीडिया में न हो. मोदी 1 जून की शाम को हर प्रकार का आध्यात्मिक, मौन व्रत रख सकते हैं.
'साइलेंस पीरियड में इनडायरेक्ट कैंपेनिंग न हो'
सिंघवी ने कहा कि चुनाव के 48 घंटे पहले कोई भी नेता प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कैंपेनिंग नहीं कर सकता. हमें कोई आपत्ति नहीं है. वह कुछ भी करें, मौन व्रत रखें या कैंपेन करें. लेकिन मतदान के दिन (1जून) को साइलेंस पीरियड में इनडायरेक्ट कैंपेनिंग नहीं होनी चाहिए. सिंघवी ने कहा की आखिरी चरण के चुनाव में प्रधानमंत्री स्वयं भी उम्मीदवार हैं और ऐसे में साइलेंस पीरियड के दौरान इस प्रकार का प्रचार नहीं होना चाहिए.
राहुल गांधी के भाषण वीडियो के साथ छेड़छाड़
कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष 'बीजेपी फॉर इंडिया' के आधिकारिक हैंडल से चलाए जा रहे कैंपेन का मुद्दा भी रखा. सिंघवी ने बताया कि कांग्रेस के खिलाफ आधिकारिक हैंडल से कम्युनल और गलत प्रचार किया जा रहा है. कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग से मांग की गई कि इस प्रकार के प्रचार पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी के एक भाषण वीडियो के साथ भी छेड़छाड़ की गई है.
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उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने कहा था, 'आप नोट कर लीजिए, 4 तारीख के बाद ये प्रधानमंत्री के पद पर नहीं रहेंगे.' लेकिन इस वीडियो से छेड़छाड़ करके चलाया जा रहा है कि '4 तारीख के बाद नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि यह मिथ्या प्रचार है. कांग्रेस ने हिमंता बिस्वा सरमा की भी शिकायत चुनाव आयोग से की है. सिंघवी ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री ने बार-बार ने ऐसे शब्दों का उपयोग किया है जिनका उपयोग 75 वर्षों में अब तक किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री ने नहीं किया.
वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ध्यान लगा सकते हैं, लेकिन 1 जून को टेलीविजन पर उनके कार्यक्रम को नहीं दिखा सकते. उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन’ होगा. क्या किसी को ध्यान लगाने के लिए कैमरे की जरूरत होती है?’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यह चुनाव प्रचार के समापन और चुनाव की तारीख के बीच के ‘मौन काल’ (साइलेंस पीरियड) के दौरान प्रचार करने का एक तरीका है. (PTI इनपुट के साथ)
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PM मोदी के 'ध्यान' से विपक्ष खफा, चुनाव आयोग में की शिकायत, कहा- 1 जून के बाद कुछ भी करें