डीएनए हिंदी: बीते कुछ महीनों से खांसी और जुकाम के मामले तेजी से बढ़े हैं. दिल्ली-एनसीआर में खांसी-जुकाम के मामलों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. अजीब बात यह है कि जिसको भी एक बार खांसी और जुखाम हो रहा है वह ठीक होने का नाम नहीं ले रहा. पहले यह बीमारी 3 से 4 दिन में दवाई के साथ ठीक हो जाती थी लेकिन इस दौरान यह बीमारी लोगों के जी का जंजाल बन गई है. इसी बीच H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के प्रकोप ने लोगों में डर भर दिया है. प्रशासन भी इस नए खतरे को देखते हुए अलर्ट मोड पर है.

खांसी और जुकाम को लेकर डॉक्टर भी काफी ज्यादा हैरान और परेशान हैं. अस्पतालों में आने वाले हर पांचवें मरीज में इस तरीके के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, टेस्ट किया जा रहा है तो पता चलता है कि लोग बीमार हैं और हालत बद से बदतर होती जा रही है. नोएडा के स्वास्थ विभाग की ओर से पिछले 3 हफ्ते में जिले के 3500 मरीजों पर अध्ययन किया गया है. जिसमें से 660 मरीजों में करोना जैसे लक्षण पाए गए हैं. हालांकि, एंटीजन जांच करने पर किसी भी मरीज में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
अब विशेषज्ञ इसे तेजी से बढ़ रहे इन्फ्लूएंजा H3N2 से जोड़कर देख रहे हैं. कोरोना और इनफ्लुएंजा में काफी अंतर है. फिर भी इन्फ्लूएंजा में बीमार हुए व्यक्ति का बुखार भले ही 3 दिन में ठीक हो जा रहा है लेकिन उसे हुई खांसी और जुखाम तीन से चार हफ्तों में भी ठीक नहीं हो पा रहा है. सीनियर फिजीशियन एंड डायबिटोलॉजिस्ट डॉ अमित कुमार ने बताया कि इनफ्लुएंजा H3N2 एंड टू और कोरोना में काफी अंतर है. लक्षण एक जैसे ही लगते हैं लेकिन कोरोना एक साथ फैलने वाली बीमारी है, जबकि इनफ्लुएंजा H3N2 खांसी और जुखाम के चलते एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचने वाली बीमारी है.

उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो यह वायरल फीवर की गिनती में आता है और वायरल फीवर को पहचानने और जानने में वक्त लगता है. उन्होंने बताया कि इस वायरस से प्रभावित ज्यादातर लोग बुखार से उनके पास आ रहे हैं उसके बाद दूसरी सबसे ज्यादा संख्या खांसी की है. अगर प्रतिशत में बात की जाए तो सबसे ज्यादा 92 प्रतिशत लोग बुखार से पीड़ित होकर डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं, वहीं 86 प्रतिशत लोग जुखाम, खांसी होने के बाद डॉक्टर के पास जा रहे हैं और करीब 16 परसेंट ऐसे मरीज है जो सांस फूलने के चलते डॉक्टर के पास जा रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि आईएमए भी इस बारे में बता चुका है कि ज्यादा एंटीबायोटिक देना खतरनाक होता है इसीलिए ऐसे मामलों में एंटीबायोटिक जायदा लेने से बचाना चाहिए. यह बेहद ही नाजुक समय है. इस वक्त आप जब भी भीड़-भाड़ में निकलें तो कोशिश करें कि मास्क पहनकर ही जाएं. खांसते और छींकते समय मुंह और नाक पूरी तरीके से ढककर रखने चाहिए और जिनको भी खांसी और जुकाम की दिक्कत है उन्हें बाहर निकलते वक्त अपने मुंह पर मास्क लगाना चाहिए.

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cold and cough cases rises by 40 percent in delhi ncr h3n2 influenza virus
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दिल्ली एनसीआर में 40 प्रतिशत बढ़ गए खांसी और जुकाम के केस, कहर ढा रहा H3N2 इन्फ्
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दिल्ली एनसीआर में 40 प्रतिशत बढ़ गए खांसी और जुकाम के केस, कहर ढा रहा H3N2 इन्फ्लुएंजा