डीएनए हिंदी: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में बोरवेल के गड्ढे में गिरे राहुल ने आखिरकार जिंदगी की जंग जीत ही ली. करीब 104 घंटे तक बोरवेल में फंसे रहने के बाद राहुल साहू को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है. राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन तकरीबन चार दिनों से जारी था. वहीं, अपने बच्चे को देख मासूम के परिजनों ने भी चार दिन बाद अब जाकर चैन की सांस ली हैं.
राहुल के रेस्क्यू में जुटी सेना की टीम के एक सदस्य गौतम सूरी ने बताया, यह ऑपरेशन सबके लिए काफी चुनौतीपूर्ण था. हालांकि, टीम के सदस्यों के संयुक्त प्रयासों से राहुल को सही सलामत गढ्ढे से बाहर निकाल लिया गया है. बच्चे की मदद के लिए सेना के करीब 25 अधिकारियों को यहां तैनात किया गया था. राहुल की वापसी से हर कोई खुश नजर आ रहा है.
It was a very challenging operation. Rahul could be successfully rescued because of the joint efforts of the team members. It is a huge success for all of us. Around 25 Army officials were deployed here: Army Personnel Gautam Suri pic.twitter.com/eiTKsZxv71
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 14, 2022
इधर, मामले की जानकारी देते हुए छत्तीसढ़ मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, राहुल साहू को बिलासपुर अपोलो अस्पताल ले जाया गया है. फिलहाल उन्हें विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम की निगरानी में आईसीयू में रखा गया है.
We have won, our team has won. It was a challenging situation. We were given all kinds of assistance from the administration. CM Bhupesh Baghel was continuously monitoring the situation. We're taking Rahul directly to Apollo hospital in Bilaspur: Jitendra Shukla,Collector Janjgir pic.twitter.com/c17jLGZqew
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 14, 2022
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बता दें कि छत्तीसगढ़ के मलखरौदा विकासखंड के पिहरिड गांव में राहुल साहू (10) नाम का बच्चा शुक्रवार 10 जून की शाम अपने घर में ही 50 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. इसके बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमों को बच्चे को बचाने के लिए लगाया गया था. बचाव अभियान चार दिन तक चला.
इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले रहे थे. गुजरात से रिमोट से संचालित बोरवेल 'रेस्क्यू रोबोट' मशीन को भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया था. अब करीब 104 घंटे बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मिलकर राहुल को सफलतापूर्वक बोरवेल से बाहर निकाल लिया है. बच्चे के बाहर आने के बाद असपास के लोगों में भी खुशी की लहर है. लोग लगातार उसकी सलामती की दुआएं मांग रहे थे.
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Chhattisgarh: 104 घंटे बाद बोरवेल से बाहर निकला बच्चा, हिम्मत से जीत ली जिंदगी की जंग