डीएनए हिंदी: दिल्ली की आबकारी नीति के मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम तक नहीं है. सीबीआई का कहना है कि वह पूरक चार्जशीट फाइल करने वाली है. इसी बीच जानकारी सामने आई है कि सीबीआई ने बीते पांच सालों में कुल 56 विधायकों/सांसदों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं. इसमें से सिर्फ 22 मामले ही ऐसे हैं जिसमें सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है. यानी बाकी केस में मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सीबीआई ने 2017-22 के दौरान सांसदों/विधायकों के खिलाफ कुल 56 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 22 मामलों में जांच एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल की है. कार्मिक मंत्रालय ने 7 दिसंबर, 2022 को संसद में एक लिखित जवाब में कहा कि सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए कुल 56 मामलों में से 22 मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.
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दोष सिद्धि की दर 70 प्रतिशथ से कम
इस मामलों के राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे अधिक 10 मामले आंध्र प्रदेश में हैं जबकि उत्तर प्रदेश और केरल में छह-छह मामले हैं. इसी तरह, पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश में पांच मामले हैं, जिनमें से प्रत्येक को सीबीआई ने विधायकों या सांसदों के खिलाफ दर्ज किया है. मंत्रालय के जवाब के अनुसार, इस अवधि के दौरान दोषसिद्धि की दर 66.90 प्रतिशत से 69.83 प्रतिशत के बीच रही.
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2017 में दोष सिद्धि की दर 66.9 प्रतिशत थी जबकि 2018 में यह बढ़कर 68 प्रतिशत, 2019 में 69.19 प्रतिशत और 2020 में 69.83 प्रतिशत हो गई. हालांकि, वर्ष 2021 के दौरान सजा दर घटकर 67.56 प्रतिशत हो गई. आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को रविवार को सीबीआई ने शराब घोटाले के सिलसिले में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
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माननीयों पर CBI दिखा रही जोर, पांच साल में 56 में से सिर्फ 22 के खिलाफ दर्ज हुई चार्जशीट