डीएनए हिंदी: बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि देश के अन्य राज्यों में भी जाति जनगणना कराई जाएगी. राहुल गांधी हर चुनाव रैली में कह रहे हैं कि हमारी सरकार जिन राज्यों में आएगी उनमें जाति जनगणना कराई जाएगी. इससे 'एक्स-रे' की तरह तस्वीर साफ हो जाएगी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनकी इस टिप्पणी पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) है तो एक्स-रे की क्या जरूरत है.
अखिलेश यादव ने कहा कि आधार कार्ड तंत्र की उपलब्धता के कारण जाति जनगणना तीन महीने में पूरी की जा सकती है. मध्य प्रदेश के कटनी जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर भी तंज कसा और कहा कि पार्टी की जाति जनगणना की मांग एक ‘चमत्कार’ है. अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की उस टिप्पणी पर कटाक्ष किया जिसमें उन्होंने कहा था कि जाति जनगणना एक एक्स-रे की तरह होगी जो देश में विभिन्न समुदायों का विवरण देगी.
ये भी पढ़ें- Delhi Pollution: दिल्ली की हवा फिर हुई जहरीली, AQI 450 के पार, लागू होगा ऑड-ईवन!
3 महीने में हो सकती है जाति जनगणना
अखिलेश यादव ने पूछा, ‘जब एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) और सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन जैसी नई तकनीक उपलब्ध है तो एक्स-रे क्यों?’ उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि कांग्रेस जाति जनगणना के बारे में भी बात कर रही है. जो लोग एक्स-रे के बारे में बात कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के बाद जाति जनगणना बंद कर दी थी. उन्होंने कहा कि जातियों की गिनती तीन महीने में की जा सकती है. सारा डेटा उपलब्ध है. सभी के पास आधार कार्ड हैं. इसमें समय क्यों लगेगा.
सपा प्रमुख ने कहा कि मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाना चाहिए. जब सपा उत्तर प्रदेश में सत्ता में थी तो उसने ऐसी सड़कें बनवाई थीं, जिन पर आपात स्थिति में विमान उतर सके. उन्होंने रैली में उपस्थित लोगों से पूछा, ‘क्या डबल इंजन सरकार (मध्य प्रदेश और केंद्र में भाजपा शासन) ने यहां ऐसी कोई सड़क बनाई है.
क्या बोले थे राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने हाल ही में तेलंगाना में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में सबसे बड़ा मुद्दा जाति जनगणना का है. उन्होंने इसे एक्स-रे की तरह बताते हुए कहा था कि जाति जनगणना से देश में दलितों, आदिवासियों और ओबीसी की स्थिति साफ हो जाएगी. इससे फंड की तस्वीर भी साफ हो जाएगी कि किस आधार पर वितरित किया जा रहा है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
'X-RAY बनाम MRI' जातिगत जनगणना को लेकर क्यों आमने-सामने राहुल और अखिलेश