डीएनए हिंदी: तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद अब उनका सरकारी बंगला भी खाली कराया जाएगा. लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद अब उन्हें सरकार बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया है. महुआ मोइत्रा को स्पेशल कोटे में शहरी विकास मंत्रालय ने आवास दिया था. दूसरी तरफ महुआ मोइत्रा ने अपने निष्कासन के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
महुआ मोइत्रा को कैश-फॉर-क्वेरी यानी पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. अब उन्हें 30 दिनों के भीतर घर खाली करने का नोटिस दिया गया है. लोकसभा सचिवालय से मोइत्रा के निष्कासन की अधिसूचना जारी होने के बाद उनको आवास खाली करने का नोटिस भेजा गया है. इसके लिए संसद की आवास समिति ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से निष्कासित सांसद महुआ मोइत्रा को अपना आधिकारिक बंगला खाली करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
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बीजेपी सांसद ने लगाए थे ऐसे आरोप
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. बीजेपी सांसद ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत का पत्र दिखाया था. इसमें दावा किया था कि घूस का लेनदेन महुआ और हीरानंदानी के बीच हुआ था. जिसके बाद महुआ ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और जय अनंत को कानूनी नोटिस भेजा था. निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.
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महुआ मोइत्रा की बढ़ी मुश्किलें, बंगला खाली करने के लिए मिला इतने दिनों का समय