डीएनए हिंदी: दुनिया में जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है, वैसे ही सुविधाएं भी बढ़ती जा रही हैं. हर कोई कार खरीदना चाहता है, यही वजह है कि हर दिन गाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है. जितनी ज़्यादा गाड़ियां उतना ही प्रदूषण (Pollution). इस समस्या को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कुछ स्टूडेंट्स ने एक खास कार बनाई है. यह कार कोई प्रदूषण नहीं फैलाएगी. इसके अलावा, इस कार (Electronic Car) की खासियत यह है कि यह हवा की सफाई भी करेगी. इस कार को 9 से 14 साल उम्र के चार लड़कों ने तैयार किया है.
स्कूल जाने वाले लड़कों की बनाई यह कार बैटरी से चलती है. इसे बनाने वाले लड़कों का कहना है कि यह कार डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम (DFS) पर काम करती है. इस कार की खूबी यह है कि जब यह चलती है तो यह हवा को भी साफ करती है. कार को बनाने में 11 साल के विराज मेहरोत्रा, 9 साल के आरव मेहरोत्रा, 12 साल के गर्वित सिंह और 14 साल के श्रेयांश मेहरोत्रा शामिल हैं. रोबोटिक एक्सपर्ट मिलिंद राज की मदद से कार बनाने वाली यह टीम खुद को 'फोर-एवर' कहती है.
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एक बार चार्ज करने पर चलेगी 100 किलोमीटर
इस टीम ने कुल तीन कार बनाई हैं. एक बार चार्ज करने पर यह कार 100 किलोमीटर तक चल सकती है. इसमें 1,000 वॉट और 1,800 वॉट की मोटर लगी हैं. आने वाले कुछ ही समय में इस कार को 5G के लिए तैयार किया जाएगा. कार की एक खूबी और है कि इसे सिर्फ़ 250 दिनों में तैयार किया गया है और इसमें इस्तेमाल हुए कई हिस्से रीसायकल्ड मटीरियल से बनाए गए हैं. तीन में से एक कार 3 सीटर, एक टू सीटर और एक कार वन सीटर है.
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कार बनाने वाली टीम का कहना है कि एक कार को बनाने में लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आया है. अभी यह कार लेड एसिड बैटरी पर चल रही है लेकिन जल्द ही इसमें लीथियम बैटरी लगा दी जाएगी. इससे, कार की परफॉर्मेंस बढ़ जाएगी.
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