डीएनए हिंदी: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. कनाडा ने भारत में मौजूद अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली (Melanie Joly) ने राजनयिकों को बुलाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर तक कनाडा के 41 राजनयिक अपनी फैमिली के साथ वापस लौट आएंगे. जोली ने कहा कि हम जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे. यानी भारतीय राजनयिकों को कनाडा छोड़ने का आदेश नहीं देंगे.
मेलानी जोली ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि भारत के फैसले से दोनों देशों के रिश्ते पर असर पड़ेगा. हमने चंडीगढ़, महाराष्ट्र के मुंबई और कर्नाटक के बेंगलुरु में अपनी व्यक्तिगत कॉन्सुलेट सर्विसेज रोक लगाने का फैसला किया है. जोली ने कहा कि जिन लोगों को कॉन्सुलर मदद की जरूरत है, वह हमारे दिल्ली स्थित दूतावास में जा सकते हैं. इसके अलावा फोन और ईमेल के जरिए भी व्यक्तिगत रूप से मदद ली जा सकती है.
ट्रूडो के बयान से तनाव
बता दें कि 18 सितंबर को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हाइस ऑफ कॉमन्स में कहा था कि खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की एजेंसियों का हाथ है. ट्रूडो के इस आरोप के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव बढ़ गया. ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) ने पहले बताया था कि भारत ने कनाडा से अपने 62 राजनयिकों में से 41 को हटाने को कहा है. इसके बाद कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने गुरुवार को कहा कि 41 राजनयिकों को भारत में सेवा से हटा दिया गया है.
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जॉली ने कहा कि शेष 21 कनाडाई राजनयिक अपवाद हैं और वे भारत में ही रहेंगे. जॉली ने कहा कि राजनयिक छूट हटाना अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है और इसी वजह से कनाडा जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा. इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत से कनाडाई राजनयिकों की संख्या कम किए जाने की मांग की थी और कहा था कि उनकी संख्या कनाडा में सेवारत भारतीय राजनयिकों की संख्या से अधिक है.
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कनाडा ने 41 राजनयिकों को बुलाया वापस, कॉन्सुलेट सर्विसेज को भी रोका