पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. मुख्य आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख फिलहाल फरार है. बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है. हाई कोर्ट ने शेख के अब तक सरेंडर नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए तत्काल समर्पण का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को भी इस मामले में फटकार लगाई और कहा कि आरोपी शाहजहां शेख फरार नहीं रह सकता है और न ही सरकार उसे बचाने का काम कर सकती है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुई हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की है. अधिकारी ने हिंसाग्रस्त संदेशखाली जाने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगते हुए याचिका दायर की है. कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने कहा कि हमें महिलाओं की ओर से कई शिकायतें मिली हैं. पीड़ित महिलाओं ने भूमि गबन और जबरन कब्जे की भी शिकायत की है.
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'कानून को ठेंगा नहीं दिखा सकता है आरोपी'
न्यूज वेबसाइट 'लाइव लॉ' में मामले से संबंधित रिपोर्ट में कहा गया है कि सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने आरोपी शाहजहां शेख को लेकर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 'हम आरोपी को सरेंडर करने के लिए कहेंगे. वह कानून को ठेंगा नहीं दिखा सकता है. प्रदेश सरकार आरोपी को बचाने का काम नहीं कर सकती है.' कोर्ट ने बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी है.
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महीने भर से फरार चल रहा है आरोपी
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली के पास प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर और दफ्तर छापेमारी के लिए पहुंची थी. शेख के समर्थकों ने टीम पर हमला बोल दिया था जिसके बाद अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस से भी सहयोग नहीं मिलने का आरोप लगाया था. इसके बाद से ही आरोपी टीएमसी नेता फरार चल रहे हैं. स्थानीय महिलाओं ने टीएमसी नेता और उसके सहयोगियों पर यौन शोषण, जमीन हड़पने का आरोप लगाया है.
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हाई कोर्ट ने संदेशखाली हिंसा पर ममता सरकार को लगाई फटकार