डीएनए हिंदी: दिल्ली के जंतर- मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है. पहलवनों का कहना है कि जब तक बृजभूषण को सलाखों के पीछे नहीं भेजा जाता उनका धरना जारी रहेगा. बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 2 FIR दर्ज की हैं, जिनमें एक पॉक्सो एक्ट के तहत भी है. पहलवानों का आरोप है कि WFI अध्यक्ष ने एक नहीं बल्कि हजारों लड़कियों को शोषण किया है. उनके इस आरोप के बाद बृजभूषण का बयान सामने आया है.
डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा, 'पहले ये लोग कह रहे थे कि मैंने 100 बच्चों का यौन शोषण किया है. अब 1000 लड़कियों का शोषण का आरोप लगा रहे हैं. मैं क्या शिलाजीत की रोटी खाता हूं? ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं.' उन्होंने कहा कि अगर ये लोग धरने से उठ जाएं तो मैं आज ही इस्तीफा दे दूंगा. लेकिन ये धरना राजनीति से प्रेरित है. इनके पीछे कुछ उद्योगपति और राजनीतिक पार्टियां हैं.
'चाहे मुझे फांसी दे दो, लेकिन कुश्ती मत रोके'
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि देश के शीर्ष पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के कारण पिछले 4 महीने से खेल की सभी गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं. बृजभूषण ने इसके साथ ही कहा कि वह फांसी के लिए तैयार हैं लेकिन कुश्ती की गतिविधियां नहीं रुकनी चाहिए क्योंकि इससे कैडेट और जूनियर पहलवानों को नुकसान हो रहा है. पिछले चार महीनों से कुश्ती की सभी गतिविधियां ठप पड़ी हैं. मैं कहता हूं कि मुझे फांसी दे दो लेकिन कुश्ती की गतिविधियों को मत रोको. बच्चों के भविष्य से मत खेलो. कैडेट की राष्ट्रीय चैंपियनशिप को होने दो चाहे कोई भी इसे आयोजित करें. चाहे वह महाराष्ट्र हो, तमिलनाडु या त्रिपुरा लेकिन कुश्ती की गतिविधियों को मत रोको.’
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बता दें कि बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित देश के चोटी के पहलवानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रखा है. वह बृजभूषण पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिनके खिलाफ उन्होंने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. भाजपा सांसद के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 2 FIR भी दर्ज की हैं. पहली एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जिसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के साथ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है. दूसरी प्राथमिकी शिकायतों की व्यापक जांच के संबंध में दर्ज की गई है.
कुश्ती महासंघ के चुनाव पर रोक
खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के 7 मई को होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी है और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से इस खेल संस्था के कामकाज को देखने और 45 दिनों के अंदर चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने के लिए कहा है. आईओए ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर और भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा है. इस समिति के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे जिनके नाम की अभी घोषणा नहीं की गई है.
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बृजभूषण ने कहा कि राष्ट्रीय कैडेट चैंपियनशिप का आयोजन जो चाहे कर सकता है और डब्ल्यूएफआई को इस पर कोई आपत्ति नहीं है. जहां तक टूर्नामेंट का सवाल है तो फिर विरोध कर रहे पहलवान, आईओए या सरकार जो भी चाहे इसका आयोजन कर सकते हैं. उन्होंने कहा,‘मैं उनसे (प्रदर्शनकारी पहलवानों, आईओए, सरकार) से अपील करता हूं कि आप राष्ट्रीय कैडेट चैंपियनशिप, राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप और अन्य टूर्नामेंट का आयोजन करो. अगर आप नहीं कर सकते तो फिर महासंघ इनका आयोजन कर सकता है. (भाषा इनपुट के साथ)
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क्या मैं शिलाजीत की रोटी खाता हूं? पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों पर भड़के बृजभूषण