डीएनए हिंदी: Indian Air Force News- चीन और पाकिस्तान की तरफ से बॉर्डर पर पैदा हो रही चुनौतियों के बीच भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने अच्छी खबर देश को दी है. वायु सेना ने बृहस्पतिवार को अपने सुखोई SU-30MKI फाइटर जेट से ब्रह्मोस एयर लॉन्चड मिसाइल (Brahmos Air Launched missile) के एक्टेंडेंड रेंज वर्जन का सफल परीक्षण किया है. सुखोई जेट ने ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) को सफलतापूर्वक फायर किया, जिसने 400 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी (Bay Of Bengal) में टारगेट के तौर पर खड़े शिप को सफल निशाना बनाया. मिसाइल के इस सक्सेसफुल टेस्ट के बाद अब भारतीय वायु सेना को बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) जैसा ऑपरेशन अंजाम देने के लिए पड़ोसी देश की सीमा में नहीं घुसना होगा. अब भारतीय वायुसेना अपनी टैरेटिरी में रहकर ही किसी भी टारगेट को ध्वस्त कर सकती है.
The IAF successfully fired the Extended Range Version of the Brahmos Air Launched missile. Carrying out a precision strike against a Ship target from a Su-30 MKI aircraft in the Bay of Bengal region, the missile achieved the desired mission objectives. pic.twitter.com/fiLX48ilhv
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 29, 2022
अब तक 350 किलोमीटर थी मिसाइल की रेंज
ब्रह्मोस एयर रेंज मिसाइल जब तैयार की गई थी, तब इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी. बाद में लगातार परीक्षणों के बाद इसकी रेंज को 350 किलोमीटर तक बढ़ा लिया गया था. बृहस्पतिवार को परीक्षण में मिली सफलता के बाद अब यह मिसाइल 400 किलोमीटर दूर तक निशाने को सफलता से भेद पाएगी. रक्षा मंत्रालय ने इस सफलता को IAF, Indian Navy, DRDO, BAPL और HAL के साझा प्रयासों का नतीजा बताया है.
.@IAF_MCC today successfully fired the Extended Range Version of Brahmos Air Launched missile against a Ship Target from a SU-30MKI aircraft
— PIB India (@PIB_India) December 29, 2022
The missile achieved the desired mission objectives in the Bay of Bengal region
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सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है ब्रह्मोस, चीन भी घबराता है
ब्रह्मोस भारत और रूस के साझा प्रयासों से डेवलप की गई सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसकी गति करीब 2,500 किलोमीटर प्रति घंटा या Mac-2 है. भारतीय रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) और रूस की फेडरल स्टेट यूनिटरी एंटरप्राइजेज (NPOM) की इस साझा मिसाइल का निर्माण BAPL करती है. इस मिसाइल से चीन भी घबराता है, क्योंकि भारत ने इस मिसाइल को जमीन, हवा और पानी, तीनों जगह से फायर करने की क्षमता हासिल कर ली है. इसे पानी के अंदर पनडुब्बी से भी छोड़ा जा सकता है. चीन की कोई भी क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की क्षमता की बराबरी नहीं करती है.
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Brahmos Missile ने पास किया ये टेस्ट, अब भारतीय सीमा में से ही हो जाएगी बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक