बिहार लोकसेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में पिछले 13 दिनों से अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चल रहा है. रविवार को सीएम आवास की ओर बढ़ रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज की और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को BPSC अभ्यर्थियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात की.
इस मुलाकात के दौरान अभ्यर्थियों ने सरकार के सामने कुछ मांगें रखीं. इनमें BPSC की पारम्भिक परीक्षा रद्द करने, परीक्षा में अनियमितता की जांच के लिए उच्च कमेटी, अभ्यर्थियों पर बल प्रयोग करने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई, परिक्षार्थियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस हों और मृतक छात्र सोनू कुमार के परिवार को मुवाअजा दिया जाए.
BPSC अभ्यर्थियों की मांगों पर विचार करेगी सरकार
मुख्य सचिव के कार्यलाय ने बयान में कहा, 'बीपीएससी अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. उन्होंने बापू परीक्षा केंद्र समेत अन्य एग्जाम सेंटर्स पर हुई अनिमितताओं को लेकर अपने मुद्दे रखे. हमने सभी बिंदुओं पर गहराई से जांच के लिए परिक्षार्थियों को आश्वासन दिया है. साथ ही उनसे अपील की है कि वह शांति बनाए रखें. सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी.
छात्रों पर हुए लाठीचार्च के विरोध में सोमवार को आरा, दरभंगा, सीवान, अरवल सहित विभिन्न जिलों में आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे. प्रदर्शनकारियों ने पटना में जीपीओ गोलंबर से डाक बंगला चौराहा तक मार्च निकाला. दरभंगा में संपर्क क्रांति का परिचालन बाधित किया गया और रेलवे ट्रैक पर उतरकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और बीपीएससी परीक्षा फिर से आयोजित करने की मांग की.
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मुख्य सचिव से मिला BPSC छात्रों का प्रतिनिधिमंडल, नीतीश सरकार के सामने रखीं ये 6 मांगें