गुजरात विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. इसमें काला जादू पर रोक और अघोरी गधिविधियों पर रोक लगाने के लिए बिल पेश करेगी. राज्य सरकार ने हाल ही में एक जनहित याचिका के जवाब में दायर हलफनामे में हाईकोर्ट में जानकारी दी थी.
गुजरात के संसदीय कार्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के बाद कहा कि सरकार इस मानसून सत्र में 5 विधेयक पारित करेगी, जिनमें काला जादू और अघोरी प्रथा के उन्मूलन से संबंधित विधेयक भी शामिल हैं. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने 15वीं गुजरात विधानसभा का पांचवां सत्र 21 अगस्त से बुलाया है. यह सत्र 23 अगस्त को समाप्त होगा.
बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने विपक्षी पार्टी के कई अल्प सूचना वाले प्रश्नों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि बैठक के बाद इन सवालों को कथित तौर पर खारिज किए जाने के मुद्दे पर उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की.
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने स्पीकर से आग्रह किया कि वह सुनिश्चित करें कि अल्प सूचना वाले प्रश्नों पर विचार किया जाए और चर्चा के लिए पर्याप्त समय आवंटित किया जाए.
सरकार क्यों लेकर आ रही ये कानून?
अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूल समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की कि वह सरकार को आदेश दे कि गैरकानूनी तांत्रिक गतिविधियों को रोकने के लिए कानून बनाया जाए. याचिकाकर्ता ने कहा था कि कुछ धोखेबाज बाबा, अघोरी और ओझा के रूप में कार्य कर रहे हैं. ये लोग अपने अनुष्ठानों के माध्यम से लोगों को धोखा देते हैं. बच्चों और महिलाओं की बलि चढ़ाते हैं. एक शख्स ने काले जादू के नाम पर 2 महीने के बच्चे को अपंग कर मार डाला. सरकार को ऐसे मामलों के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए.
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काला जादू और अघोरी प्रथा पर लगेगी रोक, गुजरात सरकार ला रही कानून, कल बिल होगा पेश