डीएनए हिंदी: 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के जन्मदिवस को लेकर बीजेपी देश भर में जबदस्त आयोजन के मूड में है. इसके लिए उनकी माकूल तैयारी भी है और इसके जरिए वे एक तीर से कई निशाने साधना चाहती है. ऐसे समय में पार्टी की नजर तेलंगाना समेत उन सभी 9 राज्यों पर है जहां जल्द ही चुनाव होने हैं और इसकी औपचारिक शुरुआत तेलंगाना से करना चाहती है. इसे लेकर केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी भी लिख दी है और उनसे हैदराबाद दिवस को मुक्ति दिवस मनाने की मांग की है जिसके कई राजनीतिक मायने हैं.

एक तरफ जहां जी किशन रेड्डी ने पत्र लिखा है तो दूसरी ओर AIMIM चीफ ओवैसी ने भी राष्ट्रीय एकता दिवस का प्रस्ताव गृह मंत्री अमित शाह को भेजा है. ये सभी दल हैदराबाद दिवस को अलग-अलग नामों से मनाना चाहते हैं जबकि बीजेपी इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से भी कनेक्ट कर रही है जिससे पार्टी को राज्य में चुनावी लाभ मिल सके. 

सफल हुआ था ऑपरेशन पोलो

आपको बता दें कि भारत को आजादी मिलने के एक साल बाद 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद, निजाम के शासन से आजाद हुआ था. हैदराबाद की आजादी और इसका भारत में विलय देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के कारण संभव हुआ था. वल्लभभाई पटेल ने इसके लिए 'ऑपरेशन पोलो' के तहत समय रहते कार्रवाई की थी, जिसके बाद हैदराबाद भारत में विलय को तैयार हो गया था. 1947 में भारत की आजादी के बाद हैदराबाद की आजादी का आंदोलन भी तेज हो गया. लोगों की बढ़ती भागीदारी और हैदराबाद के भारतीय संघ में विलय की मांग के साथ, यह संघर्ष एक विशाल जन आंदोलन में बदल गया.

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गौरतलब है कि निजाम के शासन में हैदराबाद राज्य में आज का पूरा तेलंगाना, महाराष्ट्र में मराठवाड़ा क्षेत्र जिसमें औरंगाबाद, बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद, परभणी के साथ आज के कर्नाटक के  कलबुर्गी, बेल्लारी, रायचूर, यादगिर, कोप्पल, विजयनगर और बीदर जिले शामिल थे. यही वजह है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक की राज्य सरकारें आधिकारिक तौर पर 17 सितंबर को मुक्ति दिवस के रूप में मनाती हैं. 

ऐसे में विरोधी पार्टियां बीजेपी पर आरोप लगा रही हैं कि उनकी मंशा हैदराबाद के आखिरी निज़ाम उस्मान अली ख़ान की राजशाही से उसकी ‘मुक्ति’ का जश्न मनाने की है. आरएसएस-भाजपा निज़ाम के राज को सिर्फ बादशाहत नहीं बल्कि ‘हिंदुओं पर मुसलमानों के शासन’ के रूप में भी देखती रही है. सीएम केसीआर का राष्ट्रीय एकीकरण दिवस मनाने का फैसला बीजेपी के उग्र मुस्लिम विरोधी तेवर का प्रतिवाद भी है.

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राजनीतिक है यह जश्न

आपको बता दें कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अब साल भर भी नहीं बचा है. ऐसे में राजनीतिक सरगर्मी अपने आप तूल पकड़ती जा रही है. हालांकि इसके लिए कोई भी दल खुलकर न बयान दे रहा है और न ही अपने पत्ते खोल रहा हैलेकिन जिस तरह से नई चालें चली जा रही हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि शायद ये सत्ता तक पहुंचने के लिए नई-नई तरकीबें अपनाई जा रही हैं और पीएम मोदी का जन्मदिन समेत हैदराबाद दिवस इसी रणनीति का हिस्सा है.

(रिपोर्ट- कुमार साहिल)

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BJP celebrate 'Mukti Diwas' Hyderabad PM Modi birthday planning setback for KCR Owaisi
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Coronavirus का होने वाला है खात्मा! WHO प्रमुख के बयान ने दुनिया को की बड़ी राहत
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PM Modi के बर्थडे पर हैदराबाद में बीजेपी मनाएगी 'मुक्ति दिवस', केसीआर और ओवैसी की बढ़ी टेंशन