डीएनए हिंदी: बिहार में जहरीली शराब ने एक बार फिर से तबाही मचाई है. इस बार जहरीली शराब पीने से मोतिहारी में दर्जनों लोग बीमार हुए हैं. अभी तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी कम से 30 लोगों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे 'सामूहिक हत्या' करार दिया है. बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाए हैं कि महागठबंधन की सरकार शराब माफियाओं की रक्षा कर रही है. बिहार में यह हाल तब है जब वहां पूर्ण शराबबंदी लागू है.
पूर्व प्रदेश बीजेपी प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा कि पार्टी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और ऐसी अन्य केंद्रीय संस्थाओं से संपर्क करेगी ताकि जहरीली शराब त्रासदी की जांच की जा सके. जिला पुलिस की ओर से रविवार को जारी एक बयान के अनुसार पूर्वी चंपारण जिले में अब तक 22 लोगों की संदिग्ध अवैध शराब के सेवन से मौत हो चुकी है और कम से कम 29 अन्य लोग सदर अस्पताल और जिले के विभिन्न अस्पतालों में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. चार मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
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11 पुलिसकर्मी सस्पेंड, 80 लोग गिरफ्तार
जिला पुलिस ने अब तक पांच केस दर्ज किए हैं और मामले में आगे की जांच की जा रही है. इस मामले को लेकर दो पुलिस अधिकारी और नौ चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है. शराब के अवैध कारोबार में शामिल 60 लोगों सहित कुल 80 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. निलंबित किए गए 11 पुलिसकर्मियों में आरक्षी निरीक्षक शिवाजी सिंह एवं सदर अनुमंडलीय सहायक आरक्षी निरीक्षक उमेश पाठक और हरसिद्धि, पहाड़पुर, सुगौली, तुरकौलिया एवं रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के कुल नौ चौकीदार शामिल हैं.
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पुलिस ने पिछले 24 घंटे के दौरान जिला मुख्यालय मोतिहारी के विभिन्न हिस्सों में 600 से अधिक स्थानों पर तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकली शराब और अन्य संबंधित रसायनों को भी जब्त किया है. इसमें, 370 लीटर देसी शराब और 50 लीटर कच्चा स्प्रिट बरामद किया गया है और 1150 लीटर अर्धनिर्मित शराब नष्ट की गई है. बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा, 'मैंने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ सुगौली और पहाड़पुर का दौरा किया. ये वो गांव हैं जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं. हमने पाया कि शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या को जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा छुपाया जा रहा है. कुछ जगहों पर पुलिस द्वारा मामले दर्ज नहीं किए गए क्योंकि पोस्टमॉर्टम नहीं किया जा सका. यह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राज्य प्रायोजित 'सामूहिक हत्याकांड' है.'
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बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब ने अब तक ली 22 की जान, बीजेपी बोली यह 'सामूहिक हत्या' है