डीएनए हिंदी: बिहार के छपरा (Chapra) जिले में नकली शराब से मौत (Bihar Hooch Tragedy) का मामला और गर्मा गया है. लगातार इस मुद्दे पर जनता से लेकर विपक्षी दलों तक का निशाना झेल रहे मुख्यमंत्री नीतिश कुमार (Nitish Kumar) ने मृतकों को मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया है. नीतिश ने विधानसभा में लगातार दूसरे दिन इस मुद्दे पर बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा, दारू पीकर मरने वाले को हम मुआवजा देंगे. ऐसा कभी सोचिए भी मत. इसका सवाल ही नहीं उठता. अगर मुआवजा ही देना है तो फिर तय कीजिए. कल से हम खूब कहेंगे कि शराब पियो. मत पियो...मरोगे... ये कहकर तो हम दारू का और ज्यादा प्रचार ही कर रहे हैं. गलत पिएगा तो मरेगा ही. बस इसका ध्यान रखिए. उधर, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर साझा प्रदर्शन करते हुए नीतिश कुमार की सरकार का एजेंडा दारू, बालू और भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commision) ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस भेज दिया है.
शराबबंदी से पहले भी मरते थे लोग
नीतिश ने कहा, बिहार में जहरीली शराब से लोग आज ही नहीं मर रहे हैं. जब शराबबंदी लागू नहीं थी, तब भी लोग जहरीली शराब पीकर मरते थे. आज ये संख्या कम हुई है. दूसरे राज्यों में भी जहां शराबबंदी लागू नहीं है, वहां लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं. उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा, मध्य प्रदेश में ये मौत सबसे ज्यादा हैं, जबकि यूपी में भी लोग मर रहे हैं. हिसाब-किताब सभी जगह का देखिए.
#WATCH | "No compensation will be given to people who died after drinking...We have been appealing- if you drink, you will die...those who talk in favour of drinking will not bring any good to you...", said CM Nitish Kumar in assembly earlier today.
— ANI (@ANI) December 16, 2022
(Source: Bihar Assembly) pic.twitter.com/zquukNtRIA
शराब पीने का समर्थन करने वाले जान लें, ये हित में नहीं
नीतिश ने उन लोगों पर भी निशाना साधा, जो जहरीली शराब पीने के लिए शराबबंदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं, उन्होंने कहा, हम फिर से सभी जगह जाकर कहेंगे कि शराब मत पीजिए. पियोगे तो मरोगे. यदि को शराब का पक्ष ले रहा है तो जान ले, यह उल्टा काम है और कभी आपके हित में नहीं जाएगा. ऐसा ही करना है तो सब मिलकर तय कर लीजिए. इसके बाद जमकर कहिए कि शराब पियो पर ये सब बात ठीक नहीं है.
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विपक्ष ने किया राजभवन की तरफ मार्च
बिहार विधानसभा में शुक्रवार को सदन के अंदर तो जहरीली शराब से मौत का मुद्दा छाया ही रहा. सदन के बाहर भी विपक्ष ने इसे लेकर जमकर हंगामा किया. भाजपा नेता व विधानसभा में नेता विपक्ष विजय सिन्हा के नेतृत्व में विपक्षी विधायकों ने विधानसभा से राजभवन की तरफ नारेबाजी करते हुए मार्च किया. उन्होंने बाद में मीडिया से कहा कि हमने राज्यपाल से शिकायत की है कि मृतकों की संख्या छिपाई जा रही है और मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है. नीतिश कुमार की सरकार शराब, बालू से जुड़े अपराधियों को संरक्षण दे रही है. हमने सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है.
Govt should make a law to give compensation to the next of kin of those who die from spurious liquor. We've told Governor that thousands of people have died due to spurious liquor,murder,kidnapping. Death figures are being hidden & voice of Opp is also being suppressed: Bihar LoP https://t.co/xM1S2akyhZ pic.twitter.com/8VHR5HKSpX
— ANI (@ANI) December 16, 2022
आयोग ने पूछा- ठीक से लागू क्यों नहीं हुई शराबबंदी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस दिया है, जिसमें पूछा गया है कि शराबबंदी ठीक से लागू क्यों नहीं की गई. बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है. आयोग ने बिहार के पुलिस महानिदेशक और चीफ सेक्रेट्री को नोटिस भेजा है, जिसमें FIR और पीड़ितों के मेडिकल ट्रीटमेंट समेत पूरी डिटेल रिपोर्ट चार सप्ताह के अंदर मांगी गई है. साथ ही मुआवजे की भी जानकारी मांगी गई है.
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बिहार विधानसभा में फिर बोले नीतिश कुमार- गड़बड़ शराब पिएंगे तो मरेंगे ही, मुआवजा किस बात का