पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार, 7 मई को सुनवाई हुई. पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि भर्तियों को रद्द नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच जारी रखने को कहा है.
कोर्ट ने मामले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी बताया
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ममता सरकार को बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के बंगाल शिक्षकों की भर्ती रद्द करने वाले फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को व्यवस्थागत धोखाधड़ी बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई उन उम्मीदवारों की जांच जारी करेगी, जिन्हें शॉर्ट लिस्ट किए बिना नियुक्त किया गया था. इसके साथ ही उम्मीदवारों या सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.
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राहत के साथ ही कोर्ट ने फटकार भी लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी है. इससे लोगों का भरोसा उठ जाएगा. बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
2014 में जब एसएससी ने इस भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था, तब पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई. कई आवेदकों ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद 2022 में हाईकोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंपी थी. बाद में ईडी ने जांच की और मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल पर पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे, उन्हें मैरिट लिस्ट में ऊपर रखा गया. कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मैरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी मिल गई.
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पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षकों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक