डीएनए हिंदी: आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी चिकित्सा प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि लोग आयुर्वेद पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं जबकि एलोपैथी में केवल जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि एलोपैथी विदेशी गुलामत का संकेत हैं. इसे मिटाना होगा. रामदेव कोरोनावायरस से लेकर कैंसर समेत टीबी जैसी बीमारियों का आयुर्वेदिक इलाज बताकर चर्चा में रहे हैं, हालांकि उनकी संस्था पतंजलि की कोरोना वाली दावा कोरोनिल काफी विवादों में भी रही थीं.
बाबा रामदेव ने कहा है कि जिस प्रकार उन्होंने पतंजलि के जरिए विदेशी कंपनियों को जड़ से उखाड़कर फेंका है, ठीक उसी तरह उनका वचन है कि वे एलोपैथी की प्रक्रिया को भी जड़ से उखाड़ फेकेंगे. रामदेव ने कहा है कि एलोपैथी की दवाइयों से किसी भी तरह बीमारी ठीक नहीं होती है, वह बस दब जाती है.
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रामदेव ने कहा है कि एलोपैथी की दवाओं को शरीर ऑब्जर्व ही नहीं करती हैं और बीमारियां खत्म नहीं होती है. रामदेव अंतर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी के दौरान बोल रहे थे. उन्होने बताया है कि इंसानी दवाओं से ही जानवरों का भी इलाज किया जा सकता है और आयुर्वेद इसमें सबसे आगे है.
रामदेव ने कहा है कि आयुर्वेद के जरिए ही ब्लड कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर और अन्य कैंसर संबंधी बीमारियां भी ठीक की जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी से लेकर अन्य बीमारियों का भी आयुर्वेद के जरिए सफल इलाज किया जा रहा है. रामदेव ने कहा है कि सभी बीमारियों में आयुर्वेद एलोपैथी के मुकाबले ज्यादा सहज इलाज की पद्धति हैं.
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गौरतलब है कि रामदेव ने प्राकृतिक चीजों के आधार पर घरेलू चीजें बेचने के लिए पतंजलि नाम की कंपनी की स्थापना की थी और यह काफी सफल रही थी. रामदेव लंबे वक्त से एलोपैथी को चैलेंज करते रहे हैं.
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Allopathy को रामदेव ने बताया जुगाड़ सिस्टम, बोले अब लद गए एलोपैथी के दिन