डीएनए हिंदी: छत्तीसगढ़ में एक ऑटो चालक की बेटी लग्न और कड़ी मेहनत से प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर बन गई है. उसके सिलेक्शन होने की खबर लगते ही घर परिवार से लेकर पूरे गांव में खुशी का माहौल है. बेटी का लक्ष्य देश की सुरक्षा के साथ ही पिता को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाना है.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बोरीगारका गांव में हिशा बघेल परिवार के साथ रहती है. वह पिछले काफी समय से अग्निवीर में सिलेक्शन के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी. हिशा सुबह उठकर गांव के लड़कों के साथ ही दौड़ लगाती थी. दौड़ से लेकर पढ़ाई के मामले में उसने गांव के कई साथी लड़कों को पछाड़ा है. इसी कड़ी मेहनत के बाद अग्निपथ योजना के तहत उन्होंने अग्निवीर
भर्ती 2023 में हिस्सा लिया था, जिसमें वह चयनित हो गईं है.
ट्रेनिंग के लिए ओडिशा के चिल्का जाएगी हिशा
ऑटो चालक की बेटी हिशा अब ट्रेनिंग के लिए ओडिशा के चिल्का जाएगी. यहां इंडियन नेवी के सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट का प्रशिक्षण लेने के बाद वह एक महिला अग्निवीर के रूप में देश की सुरक्षा करेंगी. हिशा की इस उपलब्धि से उनके परिवार से लेकर गांव वालों में भी खुशी है. उसके शिक्षकों का कहना है कि गांव से पढ़ाई कर आगे पहुंची हिशा बहुत से बच्चों के लिए प्ररेणा बन गई है.
कैंसर से पीड़ित पिता की बीमारी में बिकी जमीन और ऑटो
हिशा के पिता कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इसी बीमारी का इलाज कराते हुए उनकी जमीन से लेकर ऑटो तक बिक गया. घर में कमाई का कोई जरिया नहीं रहा. अब बेटी के सिलेक्शन से थोड़ी राहत महसूस हो रही है. वहीं हिशा ने कहा कि वह सीमा पर रहकर देश की सुरक्षा करेंगी. कैंसर जैसी बीमारी से पिता का इलाज कराकर उनकी सुरक्षा करना लक्ष्य है.
सरकार से मदद की उम्मीद
हिशा की मां का कहना है कि हमें उम्मीद है अब सरकार हमें आर्थिक मदद देगी. बेटी के पिता 12 साल से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं. उनके इलाज में सब कुछ बिक गया, लेकिन हमने बच्चों की पढ़ाई बंद नहीं होने दी.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Auto Driver की बेटी बनी इस प्रदेश की पहली अग्निवीर, कैंसर से पीड़ित पिता का कराएगी इलाज