डीएनए हिंदी: देश के दो बीजेपी (BJP) शासित राज्यों यानी गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Election 2022) होने वाले हैं. भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने पहले हिमाचल और अब आज गुजरात के भी विधानसभा चुनावों (Gujarat Election 2022) का ऐलान कर दिया है. आयोग इस बात पर विशेष ध्यान दे रहा है कि राजनीति में अपराधीकरण न हो. इसलिए इस बार अपराधियों को टिकट देने के मुद्दे पर आयोग ने नियमों में बदलाव कर दिया है.
दरअसल, चुनावों का ऐलान करने के साथ ही चुनाव आयोग की तरफ से जारी पहले अपराध में शामिल रह चुके उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान तीन बार अखबारों और टीवी चैनल्स के जरिए प्रकाशित करनी होगी. इसके साथ ही क्रिमिनल बैकग्राउंड के उम्मीदवार को उतारने वाली पार्टी को भी प्रत्याशी के बारे में जानकारी अपनी वेबसाइट,अखबारों और चैनलों पर तीन बार दिखानी होगी जिससे जनता तक जानकारी पहुंचाई जा सके.
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इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि अगर कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड है, तो उम्मीदवार को अनिवार्य रूप से उसकी जानकारी एक राष्ट्रीय, एक क्षेत्रीय और सोशल मीडिया पर प्रकाशित करनी होगी. इसके साथ ही राजनीतिक दलों को यह भी बताना होगा और पब्लिश भी करना होगा कि उन्हें क्रिमिनल के अतिरिक्त कोई और उम्मीदवार क्यों नहीं मिला. ये सारे उम्मीदवारी से जुड़े कारण जनता को बताए जाए.
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जानकारी के मुताबिक नामांकन वापसी से पहले ही राजनीतिक दलों को यह सारी जानकारी देनी होगी. इसका मुख्य मकसद यह है कि जनता को यह पता हो कि जिस प्रत्याशी को वे वोट डालने जा रहे हैं उस पर आखिर कितने केस चल रहे हैं. वहीं चुनाव आयोग का मानना है कि इन नियमों के चलते राजनीतिक दल सीधे तौर पर अपराधियों को टिकट देने से बचेंगी.
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राजनीतिक दलों ने क्यों दिया अपराधियों को टिकट, अब खुद बतानी होगी वजह