डीएनए हिंदी: राजस्थान में पिछले तीन दिनों से चल रहे सियासी संग्राम के बीच गांधी परिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बड़ा झटका दिया. अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President Election) की रेस से तो बाहर हो ही चुके हैं लेकिन अब उनके ही साथी उनकी क्लास लगाने लगे हैं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंह देव (TS Singhdeo) ने अशोक गहलोत पर सवाल उठा दिए हैं. 

टीएस सिंह देव ने गहलोत के खिलाफ एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जो व्यक्ति (अशोक गहलोत) अपने विधायकों को नहीं संभाल सकता, वह कांग्रेस को कैसे संभालेगा? अगर उनके राज्य के विधायक उनकी नहीं सुनते हैं, तो पार्टी के नेता कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी बात कैसे मानेंगे? टीएस सिंह देव ने सीधे तौर पर अशोक गहलोत की कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर की जा रही दावेदारी पर सवाल खड़े किए हैं. 

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सहयोगियों के खिलाफ एक्शन

भले ही गहलोत पर गांधी परिवार की अवहेलना को लेकर आरोप लग रहे हों लेकिन इस पूरे प्रकरणों के बीच वे एक बड़े बगावती नेता के तौर पर सामने आए हैं. कांग्रेस आलाकमान उनकी बगावत के बावजूद उनका नाम सीधे तौर पर नहीं ले सका और राजस्थान के इस सियासी संग्राम के बीच केवल उनके करीबी नेताओं के खिलाफ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर नोटिस जारी किया गया है. 

गहलोत की इस बगावत पर पूर्व कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि अपने लिए क्लीन चिट और उत्साही समर्थकों को नोटिस. अब गहलोत की काबिलियत की परीक्षा होगी. वह कैसे प्रतिक्रिया देते है - चाहे वह अपने समर्थकों के साथ खड़े हो या उन्हें डंप कर दे यह उनके व्यक्तित्व की अग्निपरीक्षा होगी. 

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बेहद नाराज है कांग्रेस आलाकमान

यह माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के समर्थक नेताओं और विधायकों ने जो कुछ किया वह उनके इशारे पर ही किया. ऐसे में उनके खिलाफ भी पार्टी आलाकमान का गुस्सा देखने को मिल रहा है. वहीं राजस्थान भेजे गए पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन की रिपोर्ट के आधार पर पहले ही ए के एंटनी की अनुशासनात्मक कमेटी ने गहलोत के करीबियों को नोटिस भेजा है.

छिटकने लगे हैं विधायक

अशोक गहलोत के करीबी, धर्मेंद्र राठौर, शांति धारीवाल और महेश जोशी के खिलाफ ए के एंटनी की कमेटी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के सख्त होने के बाद से ही अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों के सुर बदलने लगे हैं. विधायक अब गांधी परिवार और कांग्रेस आलाकमान के प्रति अपनी वफादारी निभाते नजर आ रहे हैं.

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कांग्रेस आलाकमान के सख्त होने के बाद अशोक गहलोत राजस्थान की राजनीति में पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रहे हैं जिसके चलते यह माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान गहलोत के सहयोगियों के खिलाफ एक्शन लेकर सीएम पद की कुर्सी तक अशोक गहलोत से छीन सकता है जो कि उनके लिए एक बड़ा झटका हो सकता है. 

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Ashok Gehlot backfoot high command action old friends raising questions rebellion
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आलाकमान के दांव से बैकफुट पर Ashok Gehlot, पुराने साथियों ने भी उठाए सवाल
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अशोक गहलोत को भारी न पड़ जाए 'बगावत', पुराने साथियों ने भी उठाए सवाल