डीएनए हिंदी: Asaram Bapu News- गुजरात के गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम बापू को शिष्या के साथ दुष्कर्म व शारीरिक उत्पीड़न के आरोपों में उम्रकैद की सजा सुनाई है. आसाराम बापू पर 23 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जबकि पीड़िता को भी 50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश अदालत ने दिया है. अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में दुष्कर्म करने के इस मामले में 81 साल के आसाराम बापू के वकील ने कम सजा की अपील की थी, लेकिन 10 साल से चल रहे इस मामले में IPC की सात धाराएं आसाराम बापू को कम सजा देने के आड़े आ गई. अदालत ने इन सात धाराओं के तहत आसाराम को दोषी माना, जिसके चलते उनका उम्रकैद की सजा से बचना असंभव हो गया. आइए बताते हैं आपको कौन सी थी वे छह धाराएं.
गांधीनगर सत्र न्यायालय ने स्वयंभू संत आसाराम को एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। pic.twitter.com/NDmWZS8E9f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2023
इन धाराओं के तहत ठहराया गया था दोषी
सेशन कोर्ट के जज डीके सोनी ने सोमवार को आसाराम को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 2(C), धारा 377, धारा 342, धारा 354, धारा 357, धारा 374 और धारा 506 के तहत दोषी माना था. इसके बाद सरकारी वकील ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा दिए जाने की मांग की थी.
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इन धाराओं का होता है ये मतलब और इतनी मिलती है सजा
- धारा 376 2(C): यह धारा किसी महिला के साथ दुष्कर्म करने पर लगाई जाती है. इसके तहत दोषी को 7 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. साथ ही आर्थिक जुर्माना भी लगाने का प्रावधान है.
- धारा 377: इस धारा का उपयोग तब होता है, जब किसी महिला के साथ अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न का आरोप हो. इसके तहत दोषी को न्यूनतम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा मिलती है. साथ ही आर्थिक जुर्माना भी वसूला जाता है.
- धारा 342: यह धारा किसी व्यक्ति को जबरन बंधक बनाने के मामले में लगाई जाती है. इसके तहत दोषी को एक साल की जेल या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है.
- धारा 354: इस धारा का उपयोग किसी महिला का शील भंग करने के लिए उस पर हमला करने के मामले में होता है. इसके तहत दोषी को आर्थिक जुर्माने के साथ न्यूनतम एक साल और अधिकतम पांच साल की जेल का प्रावधान है.
- धारा 357: किसी पर हमला कर मारपीट करने के लिए इस धारा का उपयोग होता है. इसके तहत दोषी पर एक साल की जेल या एक हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.
- धारा 506: यदि किसी व्यक्ति को धमकी दी जाए तो यह धारा उपयोग की जाती है. इसके तहत दोषी ठहराए गए आरोपी को दो साल की जेल या आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों सजा मिल सकती है.
- धारा 374: इस धारा का उपयोग किसी व्यक्ति को उसकी इच्छा के खिलाफ अवैध श्रम कराने के आरोप में होता है. इसके तहत एक साल तक की जेल या आर्थिक जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
आसाराम को 374, 377 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पीड़िता को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने के लिए भी कहा गया है: पब्लिक प्रोसिक्यूटर आर.सी. कोड़ेकर, अहमदाबाद pic.twitter.com/Emrum307KW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2023
आसाराम के खिलाफ था यह आरोप
आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ साल 2013 में दो बहनों ने अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने साल 2001 से 2006 के बीच आसाराम द्वारा बड़ी बहन और नारायण द्वारा छोटी बहन के साथ मोटेरा आश्रम में दुष्कर्म करने और जबरन बंधक रखने का आरोप लगाया था. इस मामले में ही अब सजा सुनाई गई है.
पहले से ही दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद काट रहे आसाराम
यह दुष्कर्म का दूसरा मामला है, जिसमें अदालत ने आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा दी है. राजस्थान के एक अन्य मामले में आसाराम बापू पहले से ही जोधपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. यह मामला नाबालिग शिष्या के साथ दुष्कर्म करने का था.
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जानिए वे 7 धाराएं, जिनमें दोषी होने से आसाराम बापू को मिली जेल में पूरी उम्र काटने की सजा