डीएनए हिंदी: बंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कार्डेलिया क्रूज जहाज ड्रग्स मामले में सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने एजेंसी से पूछा कि इस मामले में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश क्यों रद्द किया जाना चाहिए. दरअसल, सीबीआई ने वानखेड़े को अंतरिम संरक्षण देने के पूर्व आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. कोर्ट ने जांच एजेंसी से कहा कि आप इस तरह के ‘लुका-छिपी का खेल’ बंद करिए.
जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस एसजी दिघे की खंडपीठ ने यह दावा करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को फटकार लगाई कि अगर समीर वानखेड़े जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो वह भविष्य में वानखेड़े की गिरफ्तारी कर सकती है. हालांकि, सीबीआई ने अदालत को यह नहीं बताया कि क्या वह उनकी गिरफ्तारी की जरूरत होने के निष्कर्ष पर पहुंच चुकी है. पीठ ने कहा कि सीबीआई की दलीलें अदालत के मन में गंभीर संदेह पैदा करती हैं. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 28 जून तय की है और जांच एजेंसी को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया गया है.
CBI ने पूर्व आदेश पर रोक लगाने का किया था अनुरोध
सीबीआई ने अदालत द्वारा जारी पूर्व के एक आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, जिसमें यह निर्देश दिया गया था कि एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए. आईआरएस अधिकारी वानखेड़े और चार अन्य लोगों पर पर आरोप है कि आर्यन खान को कार्डेलिया क्रूज जहाज ड्रग्स बरामदगी मामले में न फंसाने के लिए शाहरूख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. सीबीआई ने एनसीबी द्वारा जारी एक लिखित शिकायत के आधार पर वानखेड़े और अन्य के खिलाफ मई में एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
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पीठ ने शुक्रवार को सवाल किया कि सीबीआई वानखेड़े के खिलाफ क्या कठोर कार्रवाई चाहती है, जबकि यह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए (बयान दर्ज कराने के लिए आरोपी को पेश होने का निर्देश देने) के तहत एक नोटिस पहले ही जारी कर चुकी है और वानखेड़े एजेंसी के समक्ष 7 बार उपस्थित हो चुके हैं. सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने कहा कि एजेंसी को छूट दी जाए. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार करना एजेंसी का विशेषाधिकार है. अगर भविष्य में वह (वानखेड़े) सहयोग नहीं करेंगे तो क्या होगा.’
कोर्ट ने सीबीआई से मांगी केस डायरी
हालांकि, पीठ ने कहा कि जब धारा 41ए के तहत नोटिस जारी हो जाएगा तब इसका यह मतलब होगा कि गिरफ्तार करने का एजेंसी का कोई इरादा नहीं है. न्यायमूर्ति गडकरी ने कहा, 'सीबीआई कैसे यह अनुमान लगाएगी? क्या एजेंसी इस निष्कर्ष पर पहुंच गई है कि गिरफ्तारी की जरूरत है?’ आप हमें बताने से झिझक क्यों रहे हैं? कृपया लुका-छिपी का यह खेल मत खेलिए. सीबीआई इस देश की शीर्ष एजेंसी है.’ न्यायमूर्ति गडकरी ने कहा कि आपकी दलीलें हमारे मन में गंभीर संदेह पैदा कर रही हैं. हम आपकी केस डायरी देखना चाहते हैं. कोर्ट ने कहा कि आज की तारीख तक सीबीआई निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है.
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शाहरूख-आर्यन से पूछताछ की मांग
इस बीच निलेश ओझा नाम के एक वकील ने मामले में हस्तक्षेप की अनुमति देने की मांग करते हुए अदालत से अनुरोध किया कि सीबीआई को मामले में शाहरूख खान, आर्यन खान और अभिनेता (खान) की मैनेजर पूजा ददलानी से पूछताछ करनी चाहिए. ओझा ने कहा, ‘एनसीबी की रिपोर्ट, जिसके आधार पर सीबीआई का मामला दर्ज है, मनगढ़ंत है और सीबीआई आंख मूंद कर जांच कर रही है. याचिकाकर्ता किसी का समर्थन नहीं कर रहा, लेकिन सीबीआई को शाहरूख खान, आर्यन खान और पूजा ददलानी का नाम मामले में आरोपी के तौर पर शामिल करना चाहिए.’ इसपर कोर्ट ने कहा कि हर चीज और हर किसी की जांच की जा रही है. सीबीआई जानती है कि कैसे जांच करना है. आपको हस्तक्षेप करने के लिए पहले एक अर्जी दायर करनी चाहिए, जिसके बाद अदालत उनकी सुनवाई करेगी.इसके बाद पीठ ने विषय की सुनवाई 28 जून के लिए मुकर्रर कर दी. (भाषा इनपुट के साथ)
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'लुका-छिपी का खेल बंद करें, केस डायरी दिखाएं', समीर वानखेड़े रिश्वत मामले में HC ने CBI को लगाई फटकार