डीएनए हिंदी: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने ऑपरेशन चलाया हुआ है. पुलिस की कई टीमें लगातार उसकी तलाश छापेमारी कर रही हैं. अमृतपाल रविवार को पुलिस की गिरफ्तर से निकल गया. जिसकी जानकारी जालंधर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) स्वपन शर्मा ने मीडिया से साझा की है. उन्होने बताया कि पुलिस की एक टीम अमृतपाल सिंह का पीछा कर रही थी, लेकिन ऐन वक्त पर उसने अपना रास्ता बदल दिया और बचकर भाग गया.
डीआईजी स्वपन शर्मा ने बताया कि अमृतपाल की गाड़ी ने एक लेन की लिंक रोड पर कार का पीछा करने के दौरान पुलिस को चकमा देने और बचने के लिए बाइकों को टक्कर मार दी. उन्होंने कहा कि टीम को पीछे छोड़ने के लिए 5-6 मोटरसाइकिल सवारों को टक्कर मारी. उनका मकसद हमें पीछा करने से रोकना था. उसी दौरान जालंधर के मेहतपुर इलाके में इंटरसेप्शन के दौरान कार में सवार एक शख्स ने छलांग लगा दी. काफिले के साथ आगे चल रही 2 कारों में सवार अमृतपाल के 7 हथियारबंद गार्डों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन वह अन्य कार से मौके से भागने में कामयाब हो गया.
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नकोदर के आसपास अमृतपाल के छिपे होने की आशंका
इसके बाद अमृतपाल सिंह नकोदर के पास मर्सिडीज कार और अपने मोबाइल फोन को छोड़कर एक मोटरसाइकल पर फरार हो गया. पुलिस को संदेह है कि वह नकोदर के आसपास गांवों में छिपा है. पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब डे’ (Waris Punjab De) प्रमुख को भगोड़ा घोषित कर दिया है और अवैध हथियार रखने के मामले में एक और नई FIR दर्ज की है.
अधिकारियों ने बताया कि पंजाब सरकार ने शनिवार को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी और उसके नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’के 78 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. डीआईजी स्वपन शर्मा ने बताया कि एक प्राथमिकी रविवार को एक वाहन से हथियार और दर्जनों कारतूस बरामद किए जाने के मामले में दर्ज की गई. उन्होंने बताया कि माना जा रहा है कि वह वाहन शनिवार को अमृतपाल के काफिले में शामिल था. पुलिस ने कहा कि कार जालंधर के शाहकोट में सलेमा गांव में लावारिस अवस्था में मिली. शर्मा ने बताया कि दूसरी प्राथमिकी शनिवार को अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों द्वारा जालंधर में पुलिस अवरोधक तोड़ने के बाद दर्ज की गई.
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20 मार्च तक पंजाब में इंटरनेट बंद
गौरतलब है कि 23 फरवरी को तलवार और बंदूक से लैस अमृतपाल और उसके समर्थकों ने अवरोधकों को तोड़ दिया था और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाने में घुस गए थे. वे सभी अमृतपाल के एक सहयोगी की रिहाई की मांग कर रहे थे. जब पूछा गया कि क्या अमृतपाल के चार समर्थकों को असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है, तो शर्मा ने कहा कि यह गोपनीय है. अमृतपाल को पकड़ने के लिए पंजाब को हाई अलर्ट पर रखा गया है. इंटरनेट सेवा पर पाबंदी को भी 20 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है. अब पूरे राज्य में 20 मार्च तक इंटरनेट बंद रहेगा.
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पुलिस को यूं चकमा देकर भाग गया अमृतपाल सिंह, DIG ने बताई पीछा करने की पूरी कहानी