नईमा खातून (naima khatoon) को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की कुलपति नियुक्त किया गया है. एएमयू के 100 साल के इतिहास में पहली बार है, जब किसी महिला को VC बनाया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके नाम की मुहर लगा दी है. राष्ट्रपति यूनिवर्सिटी की विजिटर भी हैं. आदर्श आचार संहिता लागू होने के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से मंजूरी मांगी गई थी.
प्रोफेसर नईमा खातून को 5 साल की अवधि के लिए AMU की कुलपति नियुक्त किया गया है. ECI ने कहा है कि उसे एएमयू कुलपति की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव पर आदर्श आचार संहिता के दृष्टिकोण से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इसका कोई राजनीतिक लाभ नहीं उठाया जाए.
बता दें कि AMU देश की एकमात्र यूनिवर्सिटी है, जिसे अपने विश्वविद्यालय का कुलपति चुनने का अधिकार है. AMU की सर्वोच्च बॉडी अमु कोर्ट ने तीन नामों को राष्ट्रपति के भेजा था. इनमें प्रोफेसर एमयू रब्बानी, प्रोफेसर नईमा खातून और प्रोफेसर फैजान मुस्तफा का नाम शामिल था. राष्ट्रपति मुर्मू ने नईमा खातून के नाम पर मुहर लगा दी.
AMU में कब हुई एंट्री?
नईमा खातून मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं. उन्होंने राजनीतिक मनोविज्ञान में PHD कर रखी है. नईमा खातून को साल 1988 में एएमयू में मनोविज्ञान विभाग में लेक्चरर के तौर पर नियुक्त किया गया था. इसके बाद अप्रैल 1988 में एसोसिएट प्रोफेसर और जुलाई 2006 में प्रोफेसर बनीं. 2014 में नईमा खातून एक महिला कॉलेज में प्रिंसिपल नियुक्त किया गया.
उन्होंने मध्य अफ्रीका के रवांडा के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में एक साल तक पढ़ाया था. वह वर्तमान में वह सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग, एएमयू, अलीगढ़ के निदेशक के रूप में भी कार्यरत थीं.
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कौन हैं नईमा खातून जो बनीं AMU की कुलपति, 100 साल बाद यूनिवर्सिटी को मिली महिला VC