डीएनए हिंदी: एयर इंडिया की फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने के मामले में अब नया मोड आ गया है. शुक्रवार को आरोपी शंकर मिश्रा को दिल्ली की कोर्ट में पेश किया गया, जहां आरोपी ने कहा कि उसने महिला पर पेशाब नहीं किया था. महिला को यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या है, जिसकी वजह से उनका पेशाब खुद ही निकल गया था. मिश्रा के वकील ने कहा कि महिला एक कथक डांसर भी है, कथक डांसर्स को अक्सर ऐसी समस्या होती है. आइये जानते हैं इस दावे में कितनी सच्चाई है. यूरिनी इनकॉन्टिनेंस क्या होती है और इसके लक्षण क्या होते हैं?
यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या कब होती है?
यूरिनरी सिस्टम यानी मूत्र प्रणाली बिना किसी परेशानी के काम करता है, तब आपको पता चल जाता है कि आपको पेशाब आ रहा है. आप कुछ देर इसको रोक भी लेंगे, लेकिन एक उम्र के बाद जब मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिसे पेल्विक फ्लोर मसल्स कहा जाता है. इनका सपोर्ट कम होने पर पेशाब को रोकना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इसी को मेडिकल भाषा में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस या मूत्र असंयम कहा जाता है.
डांसर्स पर हुई स्टडी में यह बात सामने आई कि यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस (Urinary Incontinence) की बीमारी को लेकर डांसर्स पर एक रिसर्च भी हो चुकी है. जिसमें 22.5 प्रतिशत महिला डांसर्स को यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या देखने को मिली. डांसर्स के बीएमआई और प्रशिक्षण अवधि में मूत्र असंयम के साथ सकारात्मक संबंध दिखाए गए हैं. स्टडी में एरोबिक, भरतनाट्यम, हिप हॉप, कथक और पश्चिमी डांसर्स को शामिल किया गया था, इनमें से कुल 22.58% डांसर्स यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस से ग्रस्त निकले.
इन महिलाओं को हो जाती है ये समस्या
रिपोर्टस की मानें तो महिलाओं में एक उम्र के बाद यह समस्या काफी ज्यादा देखने को मिलती है. खासकर यह समस्या 50 वर्ष से अधिक उम्र कि उन महिलाओं में होती है, जो नॉर्मल डिलीवरी से बच्चा पैदा करती है. पेशाब से जुड़ी गतिविधियों को काबू में ना कर पाने के पीछे का एक कारण मूत्र असंयम होता है. इसे ही यूआई और यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस कहा जाता है. इसमें यूरिन के समय अलर्ट नहीं मिल पाता है, लेकिन इस बीमारी का इसका इलाज संभव है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इं
- Log in to post comments
Air India Pee gate: क्या महिला डांसर्स को हो जाते हैं मूत्राशय संबंधी रोग, पढ़ें क्या कहती है रिसर्च