Parliament Winter Session: संसद में बीते कई दिनों से गतिरोध जारी है. गतिरोध के चलते संसद ठीक से चल नहीं पा रही है. सोमवार को केंद्र और विपक्ष के बीच सदन चलाने की सहमति बनी. यह फैसला सर्वदलीय बैठक के बाद लिया गया. अब लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सांसदों ने संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में इस पर बहस करने पर सहमति जताई है. लोकसभा में 13 और 14 नवंबर को और राज्यसभा में 16 और 17 नवंबर को बहस होगी. संसद में गतिरोध का अंत तब हुआ जब आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के बाहर संवाददाताओं को बताया, 'संविधान पर बहस 13 और 14 दिसंबर को लोकसभा में और 16 और 17 दिसंबर को राज्यसभा में होगी.' रिजिजू ने कहा, 'संसदीय कार्यवाही को बाधित करना अच्छा नहीं है. हम सभी विपक्षी नेताओं से अपील करते हैं कि वे इस समझौते पर अमल करें कि हम सभी यह सुनिश्चित करेंगे कि कल से संसद का कामकाज सुचारू रूप से चले.'
किन मुद्दों पर होगी बहस
सदन में तृणमूल कांग्रेस के सांसद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिंदुओं के खिलाफ चल रहे अत्याचारों पर बोलेंगे, जबकि समाजवादी पार्टी संभल हिंसा का मुद्दा उठाएगी. वहीं, इंडिया टुडे पर छपी खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संविधान पर बहस के दौरान जवाब दे सकते हैं. समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों में अमेरिकी अभियोजकों द्वारा अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी पर अभियोग लगाने पर किसी विशेष चर्चा की संभावना कम है.
'कांग्रेस के गंभीर आरोप'
कांग्रेस अडानी मुद्दे पर पर मुखर रही है, उद्योगपति से जुड़े धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सरकार की आलोचना करती रही है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक स्ट्रेटजी से अलग हटकर बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और विपक्षी शासित राज्यों के खिलाफ कथित राजकोषीय भेदभाव जैसे व्यापक मुद्दों को उठाया है. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार नहीं चाहती कि संसद चले, क्योंकि वह अडानी समूह के अभियोग, संभल हिंसा और मणिपुर अशांति जैसे मुद्दों पर चर्चा से बचना चाहती है.
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एक सप्ताह से संसद की कार्यवाही में खलल
विपक्षी सांसदों के लगातार विरोध प्रदर्शन के कारण सोमवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही फिर स्थगित कर दी गई. पिछले सप्ताह भी विपक्षी नेताओं के इसी तरह के विरोध प्रदर्शन के कारण लोकसभा की कार्यवाही नहीं चल पाई थी.
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एक सप्ताह की बर्बादी के बाद सरकार और विपक्ष में बनी सहमति, संसद में थमेगा हंगामा, 13-14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा