डीएनए हिंदी: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एबीजी शिपयार्ड के फाउंडर-चेयरमैन ऋषि अग्रवाल (Rishi Agarwal) को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी 22,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में की गई है. एबीजी शिपयार्ड बैंक घोटाला केस (ABG Shipyard Bank Fraud Case) में ऋषि अग्रवाल से पहले कई बार पूछताछ भी की जा चुकी है. इस मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की शिकायत के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी.
आरोप है कि एबीजी शिपयार्ड के मालिक ऋषि अग्रवाल ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर साल 2012 से 2017 के बीच देश के 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपये का लोन ले लिया. कंपनी की हालत पतली होने के बावजूद कर्ज लेने के लिए कई गड़बड़ियां की गईं. बैंक से लिए गए पैसों का इस्तेमाल भी कंपनी के कामों के बजाय दूसरे कामों में किया गया.
ऑडिट रिपोर्ट में खुली पोल
साल 2021 में जब कंपनी की हालत और खराब हुई तो मामला सामने आने लगा. इससे पहले ही जनवरी 2019 में अर्नस्ट एंड यंग एलपी की एक ऑडिट रिपोर्ट ने बैंकों के होश उड़ा दिए. साल 2012 से 2017 के बीच के आंकड़ों के ऑडिट में सामने आया कि कंपनी ने बड़े स्तर पर गैरकानूनी गतिविधियां कीं और फर्जी तरीके से बैंकों को चूना लगा दिया.
एबीजी शिपयार्ड कंपनी साल 1985 में शुरू हुई. यह मुख्य रूप से गुजरात के सूरत और दाहेज में काम करती है. इसका मुख्य काम पानी के जहाज बनाने और नकी रिपेयरिंग का है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कंपनी ने पिछले दो दशकों में लगभग 165 जहाज तैयार किए. इसमें से 46 जहाज दूसरे देशों को भी बेचे गए.
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ABG Group के चेयरमैन ऋषि अग्रवाल को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला