डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्वार विधानसभा सीट पर होने वाले मतदान को रोकने से मना कर दिया है. अब्दुल्ला ने इस सीट पर 10 मई को होने वाले उपचुनाव पर रोक लगाने के लिए सर्वोच्च अदालत में गुहार लगाई थी. एक मामले में दो साल की सजा मिलने के बाद अब्दुल्ला की विधासभा सदस्यता चली गई थी.
सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में करेगा. कोर्ट ने कहा कि हम चुनाव पर रोक नहीं लगा रहे हैं. लेकिन चुनाव का परिणाम अदालत के अंतिम आदेश पर निर्भर होगा. साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार को अब्दुल्ला आजम की याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए भी कहा है.
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इससे पहले अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उच्च न्यायालय ने सजा पर रोक से इनकार कर दिया था. अब्दुल्ला को फर्जी प्रमाण मामले में भी रामपुर की स्पेशल कोर्ट ने दो साल की जा सुनाई थी.
अब्दुल्ला को इस मामले में भी हुई थी सजा?
दरअसल, बसपा सरकार के दौरान 31 दिसंबर 2007 की रात रामपुर के CRP ग्रुप केंद्र पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले के बाद पुलिस आतंकियों की तलाश कर रही थी. इसी मद्देजनर हमले के अगले दिन 1 जनवरी 2008 को मुरादाबाद में पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग कर रही थी. इस दौरान पुलिस ने आजम खान की गाड़ी को चेंकिंग के लिए रोक लिया था. इस बात से नाराज होकर अब्दुल्ला समेत सपा नेताओं के साथ सड़क पर जाम लगा दिया था. इस मामले में कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 2-2 साल की सजा सुनाई थी.
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आजम खान के बेटे अब्दुल्ला को SC से नहीं मिली राहत, स्वार सीट पर चुनाव रोकने की लगाई थी गुहार