मध्य प्रदेश के बेतवा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां बेतवा नदी में हजारों आधार कार्ड तैरता मिला है जबकि कुछ आधार कार्ड का ढेर किनारे पर लगा हुआ था. इस तस्वीर के सामने आते ही कई तरह के सवाल खड़े होने लगा. नदी में बहते हजारों आधार कार्ड को तैरता देखने के बाद लोगों के मन में एक ही सवाल आ रहा है कि पहचान बताने वाला दस्तावेज कैसे लावारिस हो गया है. इस मामले के सामने आने के बाद डाक विभाग की लापरवाही पर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
नियम अनुसार तो आधार कार्ड केंद्र से बनकर डाकघर में आए होंगे लेकिन उसे सही लोगों तक पहुंचाने के बजाय नदी में फेंक दिया गया. बताया जा रहा है कि बेतवा नदी पर श्रम समिति के सदस्यों की नजर पड़ी. सदस्यों ने कार्डों को एकत्रित कर मीडिया और सरकारी अधिकारियों को इसकी सूचना दी. जिसके बाद मामला सभी तक पहुंच पाया. यह आधार कार्ड बेतवा नदी में कैसे पहुंचा और यह किसका यह सब तो जांच का विषय है लेकिन इसमें डाक विभाग की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है.
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जांचअधिकारी ने कही यह बात
समाजसेवी विनय जैन बताया कि श्रमदान के दौरान उद्यान के पास हजारों की संख्या में आधार कार्ड मिले. इसके साथ ही कुछ सरकारी नोटिस भी मिले. यह सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही है. आधार कार्ड जैसी आवश्यक चीज को नदी में फेंका जा रहा है और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. जांच अधिकारी केएस जैन ने बताया कि सूचना मिलने पर मौके पर जांच की गई है. सभी आधार कार्ड को कब्जे में ले लिया है. आगे जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
विदिशा जिले में इस तरह आधार कार्ड मिलने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं. डाक के माध्यम से घर तक पहुंचने वाले आधार कार्ड लोगों के घर तक पहुंचाने की बजाय नदी में फेंक दिए जाते हैं. मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार से साल 2020 में इस तरह का मामला सामने आया था.
क्यों बनवाया जाता है आधार कार्ड?
आधार कार्ड सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी एक अहम और जरूरी दस्तावेज बन गया है. आधार कार्ड के बिना हमारे कई जरूरी काम अधूरे रह जाते हैं. अगर आपके बच्चे के पास आधार कार्ड नहीं है तो आपका बच्चा किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा सकता है. इसके अलावा स्कूल में एडमिशन के लिए भी बच्चों के पास आधार कार्ड होना बहुत जरूरी होता है. आधार प्रणाली निवासियों को देश भर में ऑनलाईन पहचान सत्यापन का एकमात्र स्त्रोत प्रदान करती है. आधार कार्ड, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जारी करता है. यह एक 12 अंकों की विशिष्ट संख्या होती है. इसमें नागरिक की कई जानकारियां होती हैं, जैसे कि पता, माता-पिता का नाम, उम्र वगैरह.
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MP के बेतवा नदी में तैरता मिला हजारों आधार कार्ड, पहचान बताने वाला दस्तावेज कैसे हुआ लावारिस